ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद भारत के खिलाफ लिए 5 बड़े फैसले, इन मोर्चों पर देश को किया कमजोर
punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 04:58 PM (IST)
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Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले महीने में भारत के खिलाफ कई अहम फैसले लिए हैं, जो देश की राजनीति, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरा असर डाल सकते हैं। इन फैसलों ने भारत को कई मोर्चों पर कमजोर किया है, और उनका असर आने वाले समय में महसूस किया जाएगा। आइए जानते हैं वो 5 बड़े झटके जो ट्रंप ने भारत को दिए:
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1. एलन मस्क की टेस्ला को भारत में लाने से रोकना
टेस्ला, जो भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण की योजना बना रही थी, को ट्रंप ने बड़ा झटका दिया है। ट्रंप का मानना है कि अगर मस्क भारत में कार निर्माण की फैक्ट्री लगाते हैं तो यह अमेरिका के लिए अनुचित होगा। इससे अमेरिकी नौकरियां और निवेश विदेश जा सकते हैं। इस फैसले ने टेस्ला के भारत में विस्तार के प्रयासों को रोक दिया है, जो भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा झटका है।
2. भारतीय उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाना
ट्रंप प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ेगा। इससे भारतीय व्यापार और उद्योगों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, खासकर उन उद्योगों पर जो अमेरिका से निर्यात करते हैं। इस कदम से व्यापारिक रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है।
3. अमेरिकी सहायता में कटौती
ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता में कटौती करने का फैसला लिया है, जिससे भारत को मिलने वाली अमेरिकी मदद पर असर पड़ेगा। इससे भारत के स्वास्थ्य, कृषि, और शिक्षा क्षेत्रों में चल रही योजनाओं को खतरा हो सकता है, और कई परियोजनाओं को रोकने या धीमा करने का जोखिम पैदा हो गया है।
4. भारतीय नागरिकों की अपमानजनक वापसी
ट्रंप प्रशासन ने 200 से ज्यादा भारतीय नागरिकों को अवैध प्रवासियों के रूप में भारत भेजने का आदेश दिया। इन नागरिकों को सैन्य विमान में हाथ-पैर में हथकड़ियां लगाकर भेजा गया, जिससे भारत में एक अपमानजनक स्थिति उत्पन्न हो गई। इस तरह के व्यवहार से भारतीयों के खिलाफ अमेरिका की नीतियों पर सवाल उठे हैं।
5. तेजस के इंजनों की आपूर्ति में देरी
भारत ने अमेरिकी कंपनी GE से अपने तेजस फाइटर जेट के लिए इंजन की डील की थी, लेकिन अमेरिकी कंपनी GE ने आपूर्ति में लगातार देरी की। इस देरी से भारत की रक्षा योजनाओं को गंभीर नुकसान हुआ है और भारत को रूस से इंजन लेने पर विचार करना पड़ा है। ट्रंप के फैसलों ने अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग पर भी असर डाला है।
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ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी भारत को ऐसे ही झटके दिए गए थे* जैसे कि भारत को GSP से बाहर करना और H-1B वीजा पर सख्ती लगाना। हालांकि, कई रक्षा उपकरणों की बिक्री हुई, फिर भी तकनीकी एक्सपोर्ट पर रोक बनी रही।