ब्रांडेड डिब्बों में पैक बिक रहा जहर! 4400 किलो नकली घी जब्त, जानिए कैसे पहचानें असली-नकली घी

punjabkesari.in Monday, Jun 02, 2025 - 11:24 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप रोज़ाना अपने घर में इस्तेमाल होने वाले घी को सेहतमंद मानकर खा रहे हैं तो जरा सावधान हो जाइए। क्योंकि अब बाजार में बिक रहा नकली घी आपके लिए ज़हर साबित हो सकता है। गुजरात के अरावली जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां करीब 4400 किलोग्राम नकली घी और मक्खन जब्त किया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि यह घी बिना किसी वैध FSSAI लाइसेंस के तैयार किया जा रहा था और बड़े-बड़े ब्रांडेड डिब्बों में पैक करके बाजार में बेचा जा रहा था।

कहां मिला ये नकली घी का जाल?

गुजरात के अरावली ज़िले के भिलोड़ा क्षेत्र में स्थित M/s Bapashri Dairy Products नामक फैक्ट्री में फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (FDCA) ने पुलिस और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम के साथ मिलकर छापेमारी की। इस दौरान 7 सैंपल लिए गए और कुल 4.4 टन से अधिक नकली घी और मक्खन जब्त किया गया, जिसकी बाज़ार में कीमत लगभग 23.74 लाख रुपये आंकी गई है।

लाइसेंस नहीं फिर भी बेखौफ कारोबार

छानबीन में सामने आया कि यह फैक्ट्री FSSAI से लाइसेंस प्राप्त नहीं थी। इसके बावजूद यहां बड़े स्तर पर नकली घी तैयार किया जा रहा था। एफएसएसआई ने इसे खाद्य सुरक्षा अधिनियम का गंभीर उल्लंघन माना है और इस पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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नकली घी खाने से हो सकती हैं गंभीर बीमारियां

एफएसएसआई और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो नकली या मिलावटी घी खाने से केवल पाचन तंत्र ही नहीं बल्कि पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ता है।

नकली घी से होने वाले खतरे:

  • पाचन गड़बड़ी: गैस, अपच, उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं।

  • लिवर और किडनी डैमेज: लंबे समय तक सेवन से शरीर के ये महत्वपूर्ण अंग खराब हो सकते हैं।

  • दिल की बीमारियां: नकली घी में मौजूद ट्रांस-फैट से हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है।

  • इम्यूनिटी पर असर: कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों के लिए यह और खतरनाक हो जाता है।

  • कैंसर का जोखिम: एनसीबीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नकली घी में मौजूद सिंथेटिक तत्व और ट्रांस-फैट से कैंसर तक हो सकता है।

नकली घी क्या होता है?

नकली घी वह होता है जिसमें वनस्पति तेल, सस्ते तेल, सिंथेटिक पदार्थ, स्टार्च, या अन्य मिलावटी चीजें मिलाकर असली घी जैसी गंध और रंग दे दिया जाता है। लेकिन इसमें कोई पोषण नहीं होता, और यह शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

कैसे करें असली-नकली घी की पहचान?

एफएसएसआई के अनुसार, आप घर बैठे कुछ आसान तरीकों से यह जांच सकते हैं कि जो घी आप खा रहे हैं वह असली है या मिलावटी।

1. खुशबू से पहचानें:
असली घी में हल्की और प्राकृतिक सुगंध होती है। नकली घी की गंध तेज और कृत्रिम हो सकती है।

2. हाथ पर रगड़ें:
थोड़ा सा घी हाथ पर लगाकर रगड़ें। असली घी पिघलने लगेगा और उसकी महक भी आएगी। नकली घी में यह गुण नहीं होगा।

3. कमरे के तापमान पर पिघलना:
असली घी सामान्य तापमान पर हल्का पिघला होता है, लेकिन नकली घी जल्दी पिघलता है या पूरी तरह जम जाता है।

4. पानी टेस्ट करें:
एक गिलास पानी में थोड़ा सा घी डालें। असली घी तैरता है और कोई परत नहीं बनती। नकली घी में परतें बन जाती हैं।

5. आयोडीन टेस्ट:
कांच के गिलास में आधा चम्मच घी डालें और उसमें 2-3 बूंद आयोडीन सॉल्यूशन मिलाएं। अगर रंग नीला हो जाए तो घी में स्टार्च मिलाया गया है यानी वह नकली है।

क्यों जरूरी है FSSAI लाइसेंस देखना?

हर पैकेज्ड खाद्य उत्पाद पर FSSAI का लाइसेंस नंबर अनिवार्य होता है। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप बना है। नकली कंपनियां अक्सर बिना लाइसेंस के काम करती हैं या फर्ज़ी नंबर छापती हैं।

ग्राहकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

  • केवल भरोसेमंद दुकानों से घी खरीदें।

  • पैकेट पर FSSAI लाइसेंस नंबर जरूर देखें।

  • लोकल ब्रांड का घी खरीदते समय पहले उसकी गुणवत्ता की जांच करें।

  • अगर घी में कोई अजीब गंध, रंग या स्वाद लगे तो तुरंत इस्तेमाल बंद करें।

  • सस्ते दाम देखकर लालच में न आएं, सेहत के साथ खिलवाड़ न करें।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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