40 करोड़ का चढ़ावा, एक महीने से नोटों की गिनती, देश के इस मंदिर में भक्तों के दान ने तोड़े सारे रिकॉर्ड
punjabkesari.in Friday, Nov 28, 2025 - 06:21 AM (IST)
नेशनल डेस्कः राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर के भंडार की इस बार हुई गिनती ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दीपावली के बाद खोले गए इस दान-भंडार में अब तक 40 करोड़ 33 लाख 39 हजार रुपये की नकदी निकल चुकी है, और गिनती अभी भी पूरी नहीं हुई है।
भंडार दो महीने बाद खोला गया — 5 चरणों में गिनती पूरी, छठा चरण जारी
मंदिर प्रशासन ने बताया कि इस बार भंडार दो महीने बाद खोला गया था। 19 नवंबर को भोग और आरती के बाद प्रशासनिक अधिकारी प्रभा गौतम, मंदिर मंडल अध्यक्ष हजारी दास वैष्णव और अन्य सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया। फिलहाल 5 चरणों की गिनती पूरी हो चुकी है और छठे चरण में गिनती जारी है। अभी भी नोटों का बड़ा हिस्सा गिना जाना बाकी है, ऐसे में राशि और बढ़ने की पूरी संभावना है।
200 से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए — सत्संग हॉल में हो रही गिनती
भीड़ और भक्तों की सुविधा को देखते हुए इस बार नोटों की गिनती मंदिर के मुख्य चौक की बजाय सत्संग हॉल में की जा रही है। करीब 200 कर्मचारी लगातार गिनती के काम में लगे हैं। गिनती की प्रक्रिया बेहद सख्त सुरक्षा के बीच की जा रही है। पूरे परिसर में CCTV कैमरे, मैनुअल कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती है। गिनती स्थल पर मोबाइल और पर्स ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
नकदी के अलावा सोना-चांदी और विदेशी मुद्रा भी निकलेगी
अभी तक केवल नकदी की गिनती हुई है। इसके बाद गिना जाएगा— कार्यालय में आया चढ़ावा, भेंटकक्ष में जमा दान, ऑनलाइन और मनीऑर्डर से भेजे गए चढ़ावे और सोना, चांदी, सिक्कों और विदेशी मुद्रा की तौल और छंटनी। इनकी गिनती के बाद कुल चढ़ावा और भी अधिक हो सकता है।
भंडार साल में 11 बार खुलता है — हर बार रिकॉर्ड टूटता है
सांवरा सेठ मंदिर में परंपरा है कि— दीपावली के बाद लगभग दो महीने बाद भंडार खोला जाता है। होली पर करीब डेढ़ महीने बाद भंडार खोला जाता है। साल में कुल 11 बार भंडार खुलता है। लगभग हर बार पिछले चढ़ावे का रिकॉर्ड टूट जाता है। आमतौर पर हर माह खुलने वाले भंडार से 26–27 करोड़ रुपये निकलते हैं।
कैसे होती है गिनती?
भंडार से निकली नकदी को बड़े-बड़े बोरों में भरकर सत्संग हॉल लाया जाता है।
यहां—
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पहले 500 रुपये के नोटों की छंटनी कर बंडल बनाए जाते हैं।
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फिर 200 रुपये के नोटों की गिनती होती है।
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उसके बाद छोटे नोटों की गिनती होती है।
पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से और कड़े सुरक्षा प्रबंधों के साथ की जाती है।
देशभर से पहुंचते हैं भक्त
सांवरा सेठ के दरबार में केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से भी भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन हर बार विशेष इंतजाम करता है।
