काम की खबर! 40% नवजात जन्म के 24 घंटे के भीतर तोड़ देते हैं दम, जानें यहां ऐसा क्यों?

punjabkesari.in Tuesday, Nov 22, 2016 - 04:27 PM (IST)

चंडीगढ़ (रवि): भारत में प्राथमिक चिकित्सा का क्षेत्र कितना कमजोर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत में 40 प्रतिशत नवजात जन्म के 24 घंटे के भीतर ही मौत के मुहं में चले जाते हैं। यह कहना है कि यूनिसेफ के स्टेट हैल्थ कंस्लटैंट डा. श्रीकृष्णा का। 

पी.जी.आई. स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ में चल रही हैल्थ सिस्टम की मजबूती पर दूसरी नैशनल वर्कशॉप में आए डा. कृष्णा ने बताया कि नवजात शिशुओं के लिए जन्म का पहला महीना काफी मुश्किल होता है। इन शिशुओं के लिए सरकार की ओर से कई प्रोग्राम भी चलाए गए हैं। जैसे इंडिया न्यू बोर्न एक्शन प्लॉन जो हैल्थ मिनिस्ट्री की देखरेख में चलाए जाना वाला एक प्रोग्राम है, जिसमें सरकार हर 6 महीने बाद विभाग की रिपोर्ट चैक करती है कि प्लॉन में मौजूद गाइडलाइन्स को फॉलो किया जा रहा है या नहीं। 


इंफैक्शन की वजह से 30% बच्चे तोड़ देते हैं दम... 
डा. कृष्णा ने बताया कि 100 नवजात बच्चों में से 35 प्रतिशत प्री मैच्योर बच्चे जी नहीं पाते। वहीं 30 प्रतिशत बच्चे इंफैक्शन के कारण दम तोड़ देते हैं। साथ ही 20 प्रतिशत बच्चे ऐसे होते हैं जो जन्म के वक्त न रोने की वजह से मर जाते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर हमे नवजात शिशुओं की मृत्यु रोकनी है तो हमे सिर्फ इन तीन कारणों पर काम करना होगा। जिसकी सफलता से 85 प्रतिशत नवजातों को बचाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि रूलर एरिया में नवजातों की मृत्यु दर शहरों के मुकाबले काफी ज्यादा है। 

इसके लिए सरकार की ओर से कंगारू मदर केयर जैसा प्रोग्राम भी लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम में मां और प्रीमैच्योर हुए बच्चे को एक साथ कपड़े से लपेटा जाता है, जिसके इस्तेमाल से बच्चे की जन्म दर भी बढ़ती है वहीं मदर्स की बै्रस्ट फीडिंग में भी इससे फायदा होता है। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी यूनिट हर स्टेट में बनाने की योजना बना रही है। 


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