''3C, 3D और 3E फॉर्मूला'', PM ने समझाया ऑस्ट्रेलिया से दोस्ती का राज

punjabkesari.in Tuesday, May 23, 2023 - 04:48 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की सबसे मजबूत और सबसे बड़ी नींव ‘परस्पर विश्वास व परस्पर सम्मान' है और इसका श्रेय ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हर एक प्रवासी भारतीय और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को जाता है। अपने ऑस्ट्रलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज की मौजूदगी में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां के कूडोस बैंक एरिना में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने की भी घोषणा की। इस कार्यक्रम में समूचे ऑस्ट्रेलिया से आए, करीब 21000 लोग मौजूद थे। इस दौरान उत्साहित लोगों ने 'मोदी-मोदी' के नारे भी लगाएं।

‘नमस्ते ऑस्ट्रेलिया' के संबोधन से अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की व्याख्या ‘ट्रिपल सी' यानी कॉमनवेल्थ (राष्ट्रमंडल), क्रिकेट और करी से होती थी और उसके बाद कहा गया कि दोनों देशों के संबंध ‘थ्री डी' पर आधारित हैं यानी डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डायस्पोरा (प्रवासी) और दोस्ती।

मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध ‘थ्री ई' यानी एनर्जी (ऊर्जा), इकोनॉमी (अर्थव्यस्था) और एजुकेशन (शिक्षा) पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कभी ‘सी' कभी ‘डी' और कभी ‘ई'। भारत और ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक संबंधों का विस्तार इससे कहीं ज्यादा बड़ा है। सच्चाई यह है कि दोनों देशों के संबंधों की वास्तविक गहराई सी डी और ई से परे है।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस रिश्ते की सबसे मजबूत और सबसे बड़ी नींव वास्तव में परस्पर विश्वास और परस्पर सम्मान है और यह सिर्फ भारत-ऑस्ट्रेलिया के कूटनीतिक रिश्तों से विकसित नहीं हुआ है। इसकी असली वजह है ऑस्ट्रेलिया में रहने वाला हर एक भारतीय...इसकी असली वजह हैं ऑस्ट्रेलिया के ढाई करोड़ से ज्यादा नागरिक।''

मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच भौगोलिक दूरी जरूर है, लेकिन हिंद महासागर इन्हें आपस में जोड़ता है, जीवनशैली भले अलग-अलग हों पर अब योग भी इन्हें जोड़ता है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट से तो दोनों देश ना जाने कब से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब टेनिस और फिल्में भी इन्हें जोड़ रही हैं। मोदी ने कहा कि जब ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज शेन वार्न का निधन हुआ तो लाखों भारतीय भी दुखी थे।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकता सितारा बताए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि विश्व बैंक के अनुसार अगर कोई देश वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है तो वह भारत है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी रिकॉर्ड निर्यात किया है।'' उन्होंने कहा कि भारत के पास क्षमता की कोई कमी नहीं है और संसाधनों की भी कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आज, जिस देश में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे कम उम्र की प्रतिभा का कारखाना है... वह भारत है।''

 प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के शहर ब्रिस्बेन में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोले जाने और आने वाले दिनों में दोनों देशों के प्रमुख शहरों के बीच विमानों की संख्या बढ़ाए जाने की भी घोषणा की। मोदी ने कहा, ‘‘सामुदायिक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़ना बेहद खुशी की बात है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं आपके पास आया हूं, तो एक घोषणा भी करने जा रहा हूं।

ब्रिस्बेन में भारतीय समुदाय की बहुत समय से जो मांग थी, उसे पूरा किया जाएगा। जल्द ही ब्रिस्बेन में भारत का एक वाणिज्य दूतावास खोला जाएगा।'' उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की गहरी होती साझेदारी प्रत्येक भारतीय को सशक्त करेगी, क्योंकि उनके पास प्रतिभा और कौशल की ताकत है और साथ ही अपने सांस्कृतिक मूल्य भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मूल्य आपको ऑस्ट्रेलिया के लोगों के साथ घुल मिलकर रहने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।''

मोदी ने सिडनी के उपनगर ‘लिटिल इंडिया' की आधारशिला रखने में उनका समर्थन करने के लिए अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष अल्बनीज को धन्यवाद दिया। हैरिस पार्क को ‘लिटिल इंडिया' घोषित करने की घोषणा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने सामुदायिक कार्यक्रम में मोदी का स्वागत करते हुए की। हैरिस पार्क पश्चिमी सिडनी में एक केंद्र है, जहां भारतीय समुदाय दिवाली और ऑस्ट्रेलिया दिवस जैसे त्योहार और कार्यक्रम मनाता है।

मोदी ने सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘धन्यवाद मेरे दोस्त एंथनी।'' उन्होंने कहा, 'मैं न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर, पेरामेटा शहर के मेयर और उप मेयर और पार्षदों को इस विशेष सम्मान के लिए धन्यवाद देता हूं।'' प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में रह रहे प्रवासी भारतीयों को भारत का ‘सांस्कृतिक दूत' और भारत का ‘ब्रांड एंबेसडर' करार दिया और उनसे आग्रह किया कि वह जब भी अपने वतन आएं किसी न किसी अपने ऑस्ट्रेलियाई मित्र को साथ जरूर लेकर आएं।

मोदी ने कहा, ‘‘इससे उन्हें भारत को समझने और जानने का और ज्यादा बेहतर मौका मिलेगा।'' उन्होंने कहा कि एक-दूसरे की डिग्री को मान्यता देने की दिशा में दोनों देश आगे बढ़े हैं और दोनों जगहों के छात्रों को बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट' पर भी सहमति बनी है और इससे भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया आना और यहां काम करना आसान होगा।


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Content Writer

Yaspal

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