हिंसा की आग में फिर सुलगा नेपाल: जेल तोड़ कर भागे कैदियों पर सेना ने बरसाई गोलियां, भारत में पकड़े गए 35 बंदी
punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 03:25 PM (IST)

International Desk: नेपाल में Gen-Z आंदोलन और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अब जेल ब्रेक की घटनाएं बढ़ गई हैं । गुरुवार को रामेछाप जिला जेल में कैदियों ने भागने की कोशिश की, जिसके बाद नेपाली सेना ने गोलीबारी की , जिससे लगभग 12-13 कैदी घायल हो गए। कैदियों ने आंतरिक ताले तोड़े और मुख्य दरवाजा जबरदस्ती खोलने की कोशिश की। सेना तुरंत मौके पर पहुंची और गोलियां बरसाई । जेल में 800 से अधिक कैदी बंद हैं। नेपाल के रामेछाप के मुख्य जिलाधिकारी श्याम कृष्ण थापा ने पुष्टि की कि सभी कैदियों को काबू में कर लिया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है। भारत की सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने अब तक 35 कैदियों को पकड़ा है, जो नेपाल की जेलों से भाग गए थे।
कैदियों की गिरफ्तारी का विवरण
- उत्तर प्रदेश: 22 कैदी पकड़े गए
- बिहार: 10 कैदी पकड़े गए
- पश्चिम बंगाल: 3 कैदी पकड़े गए
- अधिकारियों के अनुसार, पकड़ने वाले कैदियों की संख्या अब भी बढ़ सकती है।
देश में बढ़ती जेल ब्रेक घटनाएं
काठमांडू पोस्ट के अनुसार, Gen-Z प्रदर्शनों के बीच जेल ब्रेक की घटनाओं में तेजी देखी जा रही है। बुधवार को प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के इतिहास में सबसे बड़ी जेल ब्रेक में देशभर की 25 से अधिक जेलों से 15,000 से अधिक कैदी भागने में सफल रहे। कुछ कैदी स्वेच्छा से लौटे, जबकि सेना और पुलिस ने बाकियों को फिर से काबू किया। सुरक्षा बढ़ा दी गई है और नेपाली पुलिस एवं सशस्त्र बलोंको जेलों में तैनात किया गया है।
Gen-Z आंदोलन और राजनीतिक संकट
नेपाल में हाल के दिनों में 26 सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध** लगाया गया। इसका विरोध करने के लिए Gen-Z ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। संसद भवन और कई सरकारी इमारतों में आग लगाई गई। इस आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया। सेना ने स्थिति नियंत्रण में लेने के लिए मोर्चा संभाला। झड़पों में 30 लोग मारे गए और 1000 से अधिक घायल हुए। काठमांडू सहित कई शहरों में कर्फ्यू लागू किया गया, जो शुक्रवार सुबह तक जारी रहेगा।
सुरक्षा और नियंत्रण
जेलों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
पुलिस और सेना के जवान लगातार कैदियों और प्रदर्शनकारियों पर नजर बनाए हुए हैं।
सरकार ने चेताया कि किसी भी हिंसक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।