बुलंदशहर के स्याना हिंसा में 7 साल बाद 38 दोषियों को सजा, 5 को उम्रकैद
punjabkesari.in Friday, Aug 01, 2025 - 06:34 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना हिंसा और हत्या मामले में कोर्ट ने बुधवार, 30 जुलाई 2025 को 38 दोषियों को सजा सुनाई। इन दोषियों में से 5 को उम्रकैद और 33 को 7-7 साल की जेल की सजा मिली है।यह फैसला 3 दिसंबर 2018 को हुई हिंसा के सिलसिले में आया था, जब भीड़ ने पुलिस चौकी पर हमला कर दी था। आरोपियों में भाजपा नेता, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े लोग शामिल हैं।
क्या हुआ था 3 दिसंबर 2018 को?
3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना कस्बे के महाव गांव में गोकशी की अफवाह फैल गई थी। इस अफवाह के बाद भीड़ गुस्से में आ गई और ट्रैक्टर-ट्रॉली में गोवंश के अवशेष लेकर पुलिस चौकी पर पहुंची। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। भीड़ ने पुलिस चौकी को आग लगा दी और पुलिस वाहन भी जलाए गए। इस हमले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक युवक सुमित कुमार की मौत हो गई थी।
जांच और मुकदमा
पुलिस ने इस मामले में 44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें से 5 आरोपी अब तक मर चुके हैं और एक नाबालिग आरोपी का केस जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। 38 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है। इनमें मुख्य आरोपी जिला पंचायत सदस्य योगेश राज भी शामिल हैं, जो फिलहाल जमानत पर हैं। पुलिस ने मुख्य आरोपी योगेश राज समेत 27 लोगों को नामजद किया था, जबकि 60 अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फैसले के दिन बुलंदशहर कोर्ट के बाहर और अंदर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पांच थानों की पुलिस तैनात रही और तीन क्षेत्राधिकारी दोषियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए थे।
पुलिस का बयान
बुलंदशहर के ASP ऋजुल ने बताया कि हिंसा के आरोपियों में 5 को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का दोषी माना गया है। बाकी 33 आरोपियों पर हिंसा भड़काने, आगजनी और हत्या के प्रयास का आरोप साबित हुआ है।