एक साल में विदेशियों को 123 नियमित AYUSH , 221e-AYUSH वीजा किए गए जारी: केंद्र
punjabkesari.in Thursday, Dec 12, 2024 - 02:00 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने आयुष चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने और विदेशी नागरिकों को भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार प्रदान करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। इसके तहत, विदेशों से आयुष पद्धतियों के तहत इलाज के लिए आने वाले लोगों के लिए वीजा की एक नई श्रेणी बनाई गई है। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में इस मामले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।
आयुष वीजा श्रेणी की शुरुआत
भारत सरकार ने 27 जुलाई, 2023 को विदेशियों के लिए आयुष चिकित्सा पद्धतियों के तहत इलाज कराने के उद्देश्य से एक नई वीजा श्रेणी की शुरुआत की थी। इस नई श्रेणी में चार उप-श्रेणियां बनाई गई हैं:
1. आयुष वीजा: यह वीजा उन विदेशियों को दिया जाता है जिनका उद्देश्य केवल आयुष चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से इलाज प्राप्त करना है। इसमें आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी और सिद्धा जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के इलाज को प्राथमिकता दी जाती है।
2. आयुष परिचारक वीजा: यह वीजा आयुष चिकित्सा पद्धतियों से इलाज करवाने आए व्यक्तियों के सहयोगी या सहायक के लिए दिया जाता है।
3. ई-आयुष वीजा: यह वीजा डिजिटल माध्यम से जारी किया जाता है, जो विदेशियों के लिए प्रक्रिया को सरल और शीघ्र बनाता है। ई-आयुष वीजा के तहत विदेशी नागरिक बिना भारतीय दूतावास में जा सकते हैं और ऑनलाइन वीजा आवेदन कर सकते हैं।
4. ई-आयुष परिचारक वीजा: यह वीजा ई-आयुष वीजा की ही तरह, परिचारकों को ऑनलाइन माध्यम से दिया जाता है।
आयुष राज्य मंत्री जाधव ने यह भी बताया कि 4 दिसंबर तक कुल 123 नियमित आयुष वीजा, 221 ई-आयुष वीजा, और 17 ई-आयुष परिचारक वीजा जारी किए गए हैं। यह आंकड़े भारत में चिकित्सा पर्यटन के बढ़ते प्रचलन और विदेशों से चिकित्सा उपचार के लिए आयुष पद्धतियों की ओर बढ़ती रुचि को दर्शाते हैं।
भारत में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा
भारत में चिकित्सा पर्यटन (Medical Value Travel - MVT) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं। सरकार का उद्देश्य भारत को चिकित्सा पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाना है। इसी उद्देश्य से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने "एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया" नामक एक पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल विदेशों से चिकित्सा उपचार के लिए आने वाले मरीजों के लिए एक "वन-स्टॉप" सूचना मंच के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से विदेशियों को भारत में विभिन्न चिकित्सा उपचार विकल्पों के बारे में जानकारी मिलेगी। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में चिकित्सा उपचार प्राप्त करने के इच्छुक विदेशियों को एक ही स्थान पर सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराना है, जैसे कि अस्पतालों, क्लीनिकों, डॉक्टरों की जानकारी और उपचार लागत। इसके जरिए, सरकार ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का प्रयास किया है।
आयुष मेडिकल वैल्यू ट्रैवल समिट 2024
चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने और आयुष पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के उद्देश्य से, सितंबर 2023 में मुंबई में आयुष मेडिकल वैल्यू ट्रैवल समिट 2024 का आयोजन किया गया। इस समिट का विषय था "आयुष में वैश्विक तालमेल: मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण को बदलना"। समिट में आयुष चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने चर्चा की और यह बताया कि कैसे पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जोड़ा जा सकता है। समिट में दुनिया भर से चिकित्सा विशेषज्ञ, आयुष चिकित्सक और स्वास्थ्य उद्योग के प्रतिनिधि एकत्रित हुए, और आयुष पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इसके माध्यम से भारत को एक वैश्विक चिकित्सा पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं।
आयुष चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियां
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में आयुष चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य योजनाएं शुरू की हैं। सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) और जिला अस्पतालों (DH) में आयुष चिकित्सा पद्धतियों के सह-स्थान की रणनीति अपनाई है। इसके तहत इन केंद्रों पर आयुष चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है, ताकि मरीजों को एक ही जगह पर विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का लाभ मिल सके। इस पहल का उद्देश्य भारत में आयुष पद्धतियों को और अधिक लोकप्रिय बनाना है, ताकि लोग पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के लाभ को समझ सकें और उनका उपयोग कर सकें। इस रणनीति से मरीजों को एक ही केंद्र पर सभी प्रकार के चिकित्सा उपचार के विकल्प मिलेंगे, जिससे उनकी स्वास्थ्य देखभाल का अनुभव बेहतर होगा।
भारत सरकार द्वारा आयुष वीजा, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पोर्टल, और अन्य आयुष संबंधित पहलों के माध्यम से चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन कदमों से न केवल आयुष पद्धतियों का प्रचार होगा, बल्कि भारत को चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में एक प्रमुख गंतव्य बनाने में भी मदद मिलेगी। भारत में आयुष चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए सरकार की यह पहल निस्संदेह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, और सिद्धा जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाएगी।