PMMSY: केंद्र ने 5 वित्तीय वर्षों में छोटे मछली पकड़ने वाले समुदायों के लिए 4,969 करोड़ रुपए किए मंजूर

punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 03:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क. छोटे मछली पकड़ने वाले समुदायों, पारंपरिक मछुआरों और आजीविका सहायता सहित अन्य हितधारकों के विकास के प्रयास में मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने पिछले चार वित्तीय वर्षों (वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2023-24) और चालू वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 25) के दौरान 1823.58 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से के साथ 4969.62 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

मछली पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक उत्तर के अनुसार, मत्स्य पालन क्षेत्र के समग्र विकास और छोटे पैमाने के पारंपरिक मछुआरों सहित मछुआरों के कल्याण के लिए 20,050 करोड़ रुपए के निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रभावी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत ये मंजूरी दी गई है।

मंत्री ने राज्य सभा को बताया कि जलवायु-अनुकूल जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए विभाग PMMSY के तहत समुद्री शैवाल और द्विवाल्व खेती, खुले समुद्र में पिंजरे की खेती, कृत्रिम चट्टानों की स्थापना, समुद्री पशुपालन, एकीकृत मछली पालन को बढ़ावा देने और अन्य जलवायु-अनुकूल समुद्री कृषि गतिविधियों का समर्थन करता है, ताकि मुख्य रूप से पारंपरिक और छोटे पैमाने के मछुआरों पर पर्यावरणीय प्रभावों को कम किया जा सके। इस उद्देश्य के लिए 115.78 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा मत्स्य विभाग ने पारंपरिक मछुआरों के लिए 480 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के अधिग्रहण, पारंपरिक मछुआरों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 769.64 करोड़ रुपए के परिव्यय पर निर्यात क्षमता के लिए 1,338 मौजूदा मछली पकड़ने वाले जहाजों के उन्नयन को मंजूरी दी है। 


मंत्री के अनुसार, PMMSY के तहत मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान पारंपरिक और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े सक्रिय समुद्री और अंतर्देशीय मछुआरों के परिवारों को सालाना 5.94 लाख लोगों को आजीविका और पोषण सहायता के लिए वित्तीय सहायता और 131.13 लाख मछुआरों को बीमा कवरेज भी प्रदान किया गया है। मंत्री के उत्तर के अनुसार, PMMSY के तहत मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर एक लाख ट्रांसपोंडर लगाने की एक विशिष्ट परियोजना शुरू की गई है, जिस पर कुल 364 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें किसी भी आपात स्थिति के दौरान संक्षिप्त संदेश भेजने के लिए दो-तरफा संचार की सुविधा होगी। चक्रवात या प्राकृतिक आपदाओं के मामले में अलर्ट मिलेगा और समुद्री सीमा पार करने के दौरान मछुआरों को भी अलर्ट किया जाएगा।


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Content Editor

Parminder Kaur

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