पापा ने दी थी चांदी की चेन, स्कूल में टीचर ने उतरवाकर रख लीं अपने पास; घर पहुंचा बच्चा और फिर जो हुआ वो...

punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 05:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कानपुर से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां मात्र 11 साल के एक छात्र ने स्कूल में टीचर द्वारा चांदी की चेन उतरवाने की बात से आहत होकर आत्महत्या कर ली। यह घटना शहर के दादा नगर इलाके की है।

क्या है पूरा मामला?

दादा नगर निवासी ऋषि शर्मा नमकीन के व्यापारी हैं और उनकी पत्नी पूजा एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। उनका बेटा स्वास्तिक शर्मा, एक निजी स्कूल में कक्षा 6 का छात्र था। हाल ही में उसके जन्मदिन पर पिता ने उसे एक चांदी की चेन गिफ्ट की थी। मंगलवार को स्वास्तिक वह चेन पहनकर स्कूल गया था और यूनिफॉर्म के ऊपर लटकाकर घूम रहा था। स्कूल में अन्य छात्रों ने टीचर से शिकायत की कि वह चेन बाहर पहनकर आया है। इस पर टीचर ने स्वास्तिक को बुलाया और उसकी चेन उतरवा ली। साथ ही कहा कि यह चेन तुम्हारी मम्मी आएंगी, तब ही लौटाई जाएगी।

स्वास्तिक को डर सताने लगा

स्कूल से छुट्टी के बाद स्वास्तिक अपने एक दोस्त के घर गया। दोस्त ने बताया कि वह काफी डरा हुआ लग रहा था। उसे चिंता थी कि जब टीचर उसकी मम्मी को चेन देंगे, तो उसे डांट पड़ेगी।

घर पहुंचा, और जो हुआ वो दिल तोड़ देने वाला था...

स्वास्तिक घर पहुंचा, उस समय मां-पापा दोनों अपने काम पर थे। आमतौर पर वह दादी के साथ दोपहर का खाना खाता था। लेकिन जब वह 3 बजे तक दादी के पास नहीं पहुंचा, तो दादी उसे देखने घर आईं। दरवाजा खोलते ही देखा कि स्वास्तिक दरवाजे की कुंडी में फांसी पर लटका था। घर में हड़कंप मच गया और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।

क्या बोले टीचर और पुलिस?

टीचर का कहना है कि उन्होंने केवल सुरक्षा के लिहाज से चेन उतरवाई थी क्योंकि वह बाहर लटक रही थी और गिर सकती थी। उन्होंने सोचा भी नहीं था कि बच्चा इस बात को लेकर इतना गंभीर कदम उठा लेगा। वहीं, गोविंद नगर थाने के प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि प्रारंभिक जांच में यह मामला आत्महत्या का ही लग रहा है। परिजनों ने अब तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। अगर शिकायत की जाती है तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

पिता ने जताया संदेह

स्वास्तिक के पिता का कहना है कि उनके बेटे को चेन उतरवाने की बात से दुख तो था, लेकिन जिस स्थिति में उसकी बॉडी मिली, उससे उन्हें संदेह है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि बच्चे के पैर जमीन से छू रहे थे और गला दबाया गया हो सकता है।

बच्चे इतने संवेदनशील क्यों हो रहे हैं?

इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि स्कूलों में बच्चों की मानसिक स्थिति को लेकर कितना ध्यान दिया जा रहा है? छोटी-छोटी बातों पर बच्चे गहरे तनाव में आ जाते हैं और कई बार ऐसा बड़ा कदम उठा लेते हैं। स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को अब बच्चों की भावनात्मक स्थिति को समझना बेहद ज़रूरी हो गया है।


 


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Content Editor

Mehak

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