तमिलनाडु के 10 बिल राज्यपाल और राष्ट्रपति की सहमति के बिना बने कानून

punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 05:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क : तमिलनाडु सरकार द्वारा पारित किए गए 10 विधेयक राज्यपाल और राष्ट्रपति की सहमति के बिना कानून बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल की स्वीकृति न देने को "अवैध" करार दिया है।  

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का बयान-
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस फैसले को "ऐतिहासिक" करार देते हुए सभी भारतीय राज्यों के लिए एक बड़ी जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला गैर-भा.ज.पा. शासित राज्यों के लिए एक संदेश है। द्रमुक पार्टी ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल जानबूझकर विधेयकों की स्वीकृति में देरी कर रहे थे, जिससे विकास में रुकावट आ रही थी।

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विधेयकों का विवाद और राजनीतिक गतिरोध-
इन विधेयकों को राज्यपाल द्वारा दो बार वापिस भेजा गया, जिसके चलते राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ। इसके बाद तमिलनाडु विधानसभा ने विशेष सत्र बुलाकर इन विधेयकों को फिर से पारित कर राज्यपाल के पास भेज दिया। राज्यपाल की बिना स्वीकृति के इन विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से सवाल किए थे।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और समयसीमा-
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए एक महीने का समय दिया है। वहीं न्यायालय ने यह भी साफ किया कि वह राज्यपाल की शक्तियों को कम नहीं कर रहा।  

 


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News Editor

Radhika

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