संविधान के वो 10 आर्टिकल जो हर भारतीय को जानने चाहिए, इनको जान लेंगे तो अधिकारों को लेकर कभी नहीं होगा धोखा
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 09:53 AM (IST)

नेशनल डेस्क। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जो हमें हमारे अधिकार और कर्तव्य बताता है। इसमें कई अनुच्छेद हैं लेकिन कुछ ऐसे हैं जिन्हें हर नागरिक को जानना ही चाहिए। ये अनुच्छेद न केवल हमें सशक्त बनाते हैं बल्कि हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 10 ज़रूरी अनुच्छेदों के बारे में।
नागरिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद
➤ अनुच्छेद 14 - समानता का अधिकार: यह अनुच्छेद कहता है कि देश के कानून के सामने हर कोई समान है। धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर किसी से भी कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता।
➤ अनुच्छेद 19 - अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: यह हमें बोलने, अपने विचार व्यक्त करने, सभा करने, संगठन बनाने और देश में कहीं भी आने-जाने की आजादी देता है। हालांकि इस पर कुछ प्रतिबंध भी हैं जैसे सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना।
➤ अनुच्छेद 21 - जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार: इसे सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद माना जाता है। यह हर व्यक्ति को जीने और अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है। इसमें स्वच्छ पर्यावरण, शिक्षा, भोजन और निजता (privacy) का अधिकार भी शामिल है।
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➤ अनुच्छेद 32 - संवैधानिक उपचार का अधिकार: डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने इसे संविधान की आत्मा कहा था। अगर आपके मौलिक अधिकारों का हनन होता है तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट में जाकर न्याय की गुहार लगा सकते हैं।
➤ अनुच्छेद 44 - समान नागरिक संहिता (UCC): यह अनुच्छेद सभी धर्मों और समुदायों के लिए एकसमान कानूनों की वकालत करता है जिससे सामाजिक समानता को बढ़ावा मिले।
➤ अनुच्छेद 72 - राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति: यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को किसी भी सजा यहां तक कि मृत्युदंड को भी माफ करने या कम करने की शक्ति देता है।
➤ अनुच्छेद 51A - मूल कर्तव्य: यह अनुच्छेद देश के नागरिकों के 11 कर्तव्यों को बताता है जैसे संविधान का सम्मान करना, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और पर्यावरण की रक्षा करना।
➤ अनुच्छेद 25 - धार्मिक स्वतंत्रता: यह हर नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म को मानने, उसका पालन करने और उसका प्रचार करने की आजादी देता है जो भारत की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत बनाता है।
➤ अनुच्छेद 300A - संपत्ति का अधिकार: यह कहता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून के अधिकार के बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
➤ अनुच्छेद 368 - संविधान संशोधन की प्रक्रिया: यह संसद को संविधान में बदलाव करने, किसी नए प्रावधान को जोड़ने या हटाने का अधिकार देता है।