जीवन में कभी भी संकट उत्पन्न होने पर करें इन मंत्रों का जप

punjabkesari.in Saturday, Sep 05, 2015 - 09:30 AM (IST)

अनंत जन्मों के पुण्य कर्मों का अगर कोई फल है तो वह है केवल भगवान की भक्ति। समस्त वेदों और उपनिषदों का ज्ञाता अगर भगवान की भक्ति से विहीन है तो उस जैसा भाग्यहीन विश्व में अन्य कोई नहीं। भगवान श्री कृष्ण प्रकृति से परे तथा तीनों गुणों से अतीत हैं। जो उनकी आराधना करता है, वह वास्तव में जीवनमुक्त है। भगवान कृष्ण के बहुत से मंत्र हैं, जो हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। जीवन में कभी भी संकट उत्पन्न होने पर कोई भी कभी भी कातर भाव से इन मंत्रों का जप कर सकता है। भगवान कृष्ण की आराधना के लिए आप यह मंत्र पढ़ सकते हैं-

 
ज्योत्स्नापते नमस्तुभ्यं नमस्ते ज्योतिषां पते!
नमस्ते रोहिणी कान्त अर्ध्य मे प्रतिगृह्यताम्!!
 
संतान प्राप्ति के लिए - 
इस की इच्छा रखने वाले दम्पत्ति, संतान गोपाल मंत्र का जाप पति -पत्नी दोनों मिल कर  करें, अवश्य लाभ होगा:
देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते!
देहिमे तनयं कृष्ण त्वामहं 
शरणं गत:!!
 
दूसरा मंत्र-
क्लीं ग्लौं श्यामल अंगाय नम:!!
 
विवाह विलंब के लिए मंत्र है- 
ओम् क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्ल्भाय स्वाहा।
 
इन मंत्रों की एक माला अर्थात 108 मंत्र कर सकते हैं।

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