भारतीय विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक संस्थानों से सहयोग के लिए बातचीत कर रहा बहरीन
punjabkesari.in Sunday, Mar 19, 2023 - 08:13 PM (IST)

मुंबई, 19 मार्च (भाषा) बहरीन अपने देश में प्रौद्योगिकी कर्मियों की संख्या बढ़ाना चाहता है और इस उद्देश्य से उच्च शिक्षा तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए अपने देश में परिसर स्थापित करने के लिए कई भारतीय विश्वविद्यालयों के संपर्क में है।
बहरीन के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अब्दुल्ला बिन अदेल फखरो ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित परिचर्चा के दौरान पीटीआई-भाषा से कहा, “हम क्षेत्र में सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले देशों में में से एक हैं और भारत की तरह हमारी भी सबसे बड़ी पूंजी मानव बल है। हम कुछ विश्वविद्यालयों से बात कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि उच्च शिक्षा में हमारी मदद करने के लिए भारत अच्छी स्थिति में है।”
उन्होंने कहा कि भारत में कई उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक स्तर के हैं और उनके लिए बहरीन, खासकर प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में उनके लिए संभावनाएं हैं।
मंत्री ने कहा, “हम मजबूत व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने वाले संस्थानों से भी बातचीत कर रहे हैं। हम बहरीन में उनके परिसर स्थापित करने और परस्पर आदान-प्रदान के कार्यक्रमों लिए बात कर रहे हैं। इससे बहरीन के छात्र भारत में स्थित परिसरों में भी सीख सकें।”
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
बहरीन के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अब्दुल्ला बिन अदेल फखरो ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित परिचर्चा के दौरान पीटीआई-भाषा से कहा, “हम क्षेत्र में सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले देशों में में से एक हैं और भारत की तरह हमारी भी सबसे बड़ी पूंजी मानव बल है। हम कुछ विश्वविद्यालयों से बात कर रहे हैं और हमें विश्वास है कि उच्च शिक्षा में हमारी मदद करने के लिए भारत अच्छी स्थिति में है।”
उन्होंने कहा कि भारत में कई उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक स्तर के हैं और उनके लिए बहरीन, खासकर प्रौद्योगिकी शिक्षा के क्षेत्र में उनके लिए संभावनाएं हैं।
मंत्री ने कहा, “हम मजबूत व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने वाले संस्थानों से भी बातचीत कर रहे हैं। हम बहरीन में उनके परिसर स्थापित करने और परस्पर आदान-प्रदान के कार्यक्रमों लिए बात कर रहे हैं। इससे बहरीन के छात्र भारत में स्थित परिसरों में भी सीख सकें।”
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