रुपये में व्यापार लेनदेन की अनुमति से भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण होगा : विशेषज्ञ
punjabkesari.in Wednesday, Jul 20, 2022 - 10:00 PM (IST)

मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) सीमापार व्यापार लेनदेन रुपये में करने की अनुमति भारतीय मुद्रा के ‘अंतरराष्ट्रीयकरण’ की दिशा में एक कदम है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में सीमापार व्यापार लेनदेन रुपये मे करने की अनुमति दी है।
इससे पहले इसी महीने केंद्रीय बैंक ने बैंकों से निर्यात/आयात का निपटान रुपये में करने के लिए बिल (इन्वॉयस) भुगतान के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने को कहा था। इस कदम का मकसद भारत से निर्यात के जरिये वैश्विक व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा देना है।
उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए जरूरी है कि मुद्रा का व्यापार लेनदेन के लिए इस्तेमाल बढ़ाया जाए। रिजर्व बैंक का यह कदम निश्चित रूप से रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक कदम है।
डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक राधिका राव ने कहा कि रुपये में बिल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटान की मुद्रा के रूप में इसकी भूमिका बढ़ेगी। राव ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस कदम को रुपये को मजबूत करने की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में सीमापार व्यापार लेनदेन रुपये मे करने की अनुमति दी है।
इससे पहले इसी महीने केंद्रीय बैंक ने बैंकों से निर्यात/आयात का निपटान रुपये में करने के लिए बिल (इन्वॉयस) भुगतान के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने को कहा था। इस कदम का मकसद भारत से निर्यात के जरिये वैश्विक व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा देना है।
उद्योग मंडल आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए जरूरी है कि मुद्रा का व्यापार लेनदेन के लिए इस्तेमाल बढ़ाया जाए। रिजर्व बैंक का यह कदम निश्चित रूप से रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में एक कदम है।
डीबीएस बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक राधिका राव ने कहा कि रुपये में बिल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटान की मुद्रा के रूप में इसकी भूमिका बढ़ेगी। राव ने हालांकि स्पष्ट किया कि इस कदम को रुपये को मजबूत करने की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।
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