एनसीएलटी ने जेट एयरवेज के लिए जालान कलरॉक गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 22, 2021 - 04:19 PM (IST)

मुंबई, 22 जून (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंगलवार को जेट एयरवेज के लिए जालान कलरॉक गठजोड़ की दिवाला समाधान योजना को मंजूरी दे दी।
जेट एयरवेज दो साल से दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजर रही थी। समाधान पेशेलर आशीष छावधाड़िया उसके कामकाज का प्रबंधन कर रहे हैं।

दो दशक से ज्यादा समय से सेवा दे रही विमानन कंपनी ने अप्रैल, 2019 में परिचालन को निलंबित कर दिया था।

जेट एयरवेज के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने अक्टूबर, 2020 में ब्रिटेन स्थित कलरॉक कैपिटल और यूएई स्थित उद्यमी मुरारी लाल जालान के गठजोड़ द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी।

एनसीएलटी ने जून, 2019 में भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले ऋणदाताओं के समूह द्वारा जेट एयरवेज के खिलाफ दायर दिवाला याचिका को स्वीकार किया था। समूह ने 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया ऋण वसूल करने के लिए याचिका दायर की थी।

मोहम्मद अजमल और वी नल्लासेनापति की अध्यक्षता में एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने जेट एयरवेज के लिए दिवाला समाधान योजना को मंजूरी दे दी जिसे 22 जून से 90 दिनों के भीतर लागू करना होगा।

पीठ ने अपने मौखिक आदेश में कहा कि अगर योजना के प्रभाव में आने की तारीख को आगे बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो समाधान योजना का आवेदक (जालान कलरॉक गठजोड़) फिर से न्यायाधिकरण का रुख कर सकता है।

एयरलाइन के दोबारा परिचालन शुरू करने के लिए स्लॉट महत्वपूर्ण होंगे। अप्रैल, 2019 में परिचालन के निलंबन से पहले जेट एयरवेज के पास उपलब्ध स्लॉट दूसरी एयरलाइनों को आवंटित कर दिए गए हैं।

पांच मई, 1993 को एयर टैक्सी सेवा प्रदाता के रूप में परिचालन शुरू करने वाली जेट एयरवेज 1995 में एक अनुसूचित विमानन कंपनी बनी। कंपनी ने लीज पर लिए चार बोइंग 737-300 विमानों के साथ एयर टैक्सी सेवा शुरू की थी।
जेट एयरवेज ने मार्च, 2004 में चेन्नई से कोलंबो के बीच अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी थी।



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PTI News Agency

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