नियोक्ताओं ने कहा, काम के लंबे घंटे मानसिक समस्या की वजह, कर्मचारियों ने नेतृत्व पर सवाल उठाया

punjabkesari.in Wednesday, Apr 21, 2021 - 10:12 PM (IST)

मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) ज्यादातर नियोक्ताओं का मानना है कि लंबे काम के घंटों की वजह से कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतें आ रही हैं। वहीं कर्मचारियों ने कहा है कि इसकी प्रमुख वजह शीर्ष नेतृत्व की भूमिका है। एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
इस सर्वे में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर नियोक्ताओं और कर्मचारियों के विचारों में विरोधाभास पाया गया है।
मानव श्रम पूंजी समाधान एवं सेवा प्रदाता जीआई ग्रुप के अध्ययन ‘ऑल इन द माइंड: द स्टेट ऑफ मेंटल हेल्थ इन कॉरपोरेट इंडिया’ शीर्ष के सर्वे में 77 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि लंबे, बेतरतीब और हमेशा काम पर रहने की वजह से कर्मचारियों को इस तरह की परेशानी आ रही है। नियोक्ताओं ने इसको लेकर नेतृत्व प्रदान करने वालों की भूमिका पर सवाल नहीं उठाया है।
वहीं सर्वे में शामिल 79 प्रतिशत कर्मचारियों ने मानसिक दिक्कतों के लिए शीर्ष नेतृत्व की भूमिका को प्रमुख वजह बताया है।
सर्वे में प्रमुख लघु और मझोले उपक्रमों तथा बड़ी कंपनियों के 1,088 कर्मचारियों और 368 नियोक्ताओं के विचार लिए गए हैं। सर्वे अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और पुणे में किया गया।
नियोक्ताओं का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों की प्रमुख वजह कार्य-जीवन के बीच संतुलन, काम को लेकर दबाव और अपने करियर को आगे बढ़ाने की बेचैनी है।
सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से कर्मचारियों के समक्ष इस तरह के मुद्दे पैदा हुए हैं।
सर्वे में शामिल 70 प्रतिशत में से 45 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य काफी गंभीर मुद्दा है। वहीं 25 प्रतिशत ने इसे उल्लेखनीय मुद्दा बताया जिससे संगठन का प्रदर्शन या वृद्धि प्रभावित होती है।
सर्वे में शामिल 29 प्रतिशत कर्मचारी काम के बेतरतीब घंटों से परेशान थे। वहीं 21 प्रतिशत का कहना था कि वे अपने वेतन घटने से परेशान हैं।


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PTI News Agency

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