मध्य प्रदेश में बच्चियों से बलात्कार कैबिनेट द्वारा आरोपियों को फांसी का प्रस्ताव

punjabkesari.in Tuesday, Nov 28, 2017 - 01:25 AM (IST)

देश में महिलाओं के साथ-साथ  बच्चियों के विरुद्ध अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। हद यह है कि जहां रिश्तेदार ही महिलाओं और  बच्चियों का दामन दागदार कर रहे हैं वहीं पड़ोसी भी सारी मान-मर्यादाएं भूल कर यही पाप कर रहे हैं।  बच्चियों पर अत्याचारों के चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :

01 नवम्बर को नई दिल्ली के अमन विहार इलाके में एक 33 वर्षीय व्यक्ति ने एक डेढ़ साल की अबोध बच्ची के साथ बलात्कार कर डाला। आरोपी ने अपने दो बच्चोँ के सामने इस घटना को अंजाम दिया।

12 नवम्बर को मध्य प्रदेश के भोपाल में 5वीं कक्षा में पढऩे वाली एक 10 वर्षीय बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में एक 65 वर्षीय व्यक्ति और उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि 3 महीनों के दौरान इन लोगों ने कई बार बच्ची से बलात्कार किया।

15 नवम्बर को उत्तर प्रदेश में चिनहट निवासी सोनू वर्मा के विरुद्ध एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई जिसमें उसने उसकी 11 वर्षीय बेटी से बलात्कार और विरोध करने पर पीटने का आरोप लगाया। पुलिस ने इस संबंध में 19 नवम्बर को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

22 नवम्बर को मध्य प्रदेश के जबलपुर में 4 वर्षीय मासूम पीड़िता के घर के सामने रहने वाले एक युवक ने उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने इस मामले में बलात्कार और पाक्सो एक्ट के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

22 नवम्बर को मध्य प्रदेश के खरगांव जिले में एक 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता ने जिला अस्पताल में सर्जरी के जरिए एक बच्ची को जन्म दिया।

25 नवम्बर को देहरादून में 6 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई। आरोप है कि पड़ोस के ही एक 17 वर्षीय किशोर ने बच्ची को बहला-फुसलाकर इस घटना को अंजाम दिया।

27 नवम्बर को राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक 12 वर्षीय बच्ची का उसके पड़ोसी द्वारा अपहरण और बलात्कार का मामला सामने आया।

27 नवम्बर को दिल्ली की एक अदालत ने 8 साल की बच्ची से बलात्कार के मामले में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को 14 साल कैद की सजा सुनाई।

27 नवम्बर को सिरसा के अहमदपुर दारेवाला गांव में एक व्यक्ति के विरुद्ध अपनी 8 वर्षीय बेटी से बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।

ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए हाल ही में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 3 साल की मासूम से दुष्कर्म और उसकी हत्या के दोषी की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ मानते हुए कहा कि एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या जैसा क्रूरतम अपराध करने वाला व्यक्ति सभ्य समाज के लिए खतरा है।

आरोपी ने 24 फरवरी 2016 को रायगढ़ में अपने घर के बाहर खेल रही बच्ची को बहला-फुसला कर अपने कमरे में ले जाकर उसका बलात्कार कर डाला और बाद में मामले को छिपाने के लिए उसकी हत्या कर दी थी जिस पर रायगढ़ की फास्ट ट्रैक अदालत ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई थी।

दूसरी ओर इसी प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाने के उद्देश्य से देश में पहली बार मध्य प्रदेश में 12 साल तक की बच्चियों के साथ ज्यादती करने के आरोप में फांसी की सजा देने के संबंधित संशोधन प्रस्ताव को 26 नवम्बर को मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। महिलाओं से छेड़छाड़ करने, उनका पीछा करने और उन्हें परेशान करने के आरोप में भी कठोर दंड प्रावधानों का निर्णय किया गया।

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में लगातार भारी वृद्धि को देखते हुए बच्चियों के साथ ज्यादती करने के आरोप में फांसी की सजा देने के संबंधित संशोधन प्रस्ताव को कानूनी रूप देने का निर्णय उचित है।अन्य राज्यों की सरकारों को भी ऐसे कानून बनाने चाहिएं जिनसे सभी आयु के नारी समुदाय पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए शिक्षाप्रद और त्वरित कठोरतम दंड के प्रावधान किए गए हों।     —विजय कुमार 


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