नॉर्थ कोरिया के खिलाफ हर नीति फेल, ट्रंप ने निकाला अब ब्रह्मास्त्र

punjabkesari.in Saturday, Nov 11, 2017 - 03:47 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमरीका ने नॉर्थ कोरिया के सनकी किंग किम जोंग उन को झुकाने के लिए हर नीति अपनाई लेकिन  सब नाकाम हो गईं। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब किम जोंग को सिखाने के लिए अपना खास ब्रह्मास्त्र निकाला है। जी हां, जब नॉर्थ कोरिया के सामने राजनीति, रणनीति, कूटनीति और दंडनीति फेल हो गई तो ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया की जनता को उसी के तानाशाह नेताके खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि ट्रंप की ये चाल किम जोंग उन को बेचैन करने में कामयाब साबित होगी।

ट्रंप का मानना है कि किम जोंग उन को और कोई नहीं उसके अपने ही लोग मिट्टी में मिला सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया की कुल अढ़ाई करोड़ की आबादी में करीब 45 लाख लोग ऐसे हैं जो भुखमरी की कगार पर हैं। ये सब किम जोंग उन की हथियारों की सनक की वजह से है। जिसने उसके अपने ही लोगों को भूख से तड़पने के लिए मजबूर कर दिया है। लिहाज़ा अब इन्हीं लोगों को अमरीका ने उनके विद्रोही नेताओं के ज़रिए अपने सुप्रीम लीडर के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया है।
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नॉर्थ कोरिया की एक विद्रोही नेता जिहून पार्क के मुताबिक जनता ने जिस परिवार को पिछले 60 सालों में अपनी जान से ज़्यादा चाहा उसी ने उसे मरने के लिए छोड़ दिया। लिहाज़ा मौजूदा हालात में दोनों तरह से उनके पैर कब्र में ही लटके हैंय़अगर युद्ध होता है तो वो उसमें मारे जाएंगे।नहीं हुआ तो किम जोंग उन के हथियारों की सनक की वजह से भूखे मारे जाएंगें। अपने एशियाई दौरे पर दक्षिण कोरिया में एक प्रैस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप कह चुके हैं कि वो बिना जंग किए नॉर्थ कोरिया मसले का हल निकालना चाहते हैं। अपने बयान में न सिर्फ वो उत्तर कोरियाई जनता को बेहतर भविष्य का सपना दिखा रहे हैं बल्कि उन्हें भड़काने की कोशिश भी करते नज़र आ रहे हैं।

अमरीका के ट्रंप ने कहा कि नॉर्थ कोरिया अब वैसा नहीं रहा जिसका किम जोंग उन के दादा किम संग ने सपना देखा था। किम जोंग उन ने इस ज़मीन और यहां के लोगों के साथ जो ज़्यादती की, उसके बाद अब ये एक ऐसा नर्क बन चुका है जो किसी भी इंसान के रहने लायक नहीं बचा है।एक बेहतर भविष्य मिलने के प्रति आश्वस्त हैं लेकिन ये तभी मुमकिन हो सकता है जब आपकी सरकार हथियार की होड़ को छोड़े।

ज़ाहिर है जो परिस्थितियां अमरीका के सामने सद्दाम या गद्दाफी के समय थी। वो किम के साथ नहीं हैं. इराक और लीबिया पर तो अमरीका ने कैमिकल हथियारों के अंदेशे में ही हमला कर दिया था। जबकि वहां ऐसे हथियार बरामद नहीं हुए थे। मगर अमरीका को पता है कि किम जोंग उन के पास परमाणु हथियार मौजूद हैं लिहाज़ा वो उससे जंग का रिस्क नहीं लेगा। इसलिए अब अमरीका ने उत्तर कोरियाई सरकार के विद्रोहियों को मज़बूती देना शुरू कर दी है ताकि वो जनता को अपने साथ शामिल कर किम जोंग उन का तख्ता पलट कर सकें।


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