सूर्य ग्रहण काल में करें उपाय, पूरी होंगी मन की इच्छाएं

punjabkesari.in Wednesday, Aug 31, 2016 - 10:44 AM (IST)

आध्यात्मिक साधना के क्षेत्र में यंत्र-मंत्र सिद्धि साधना के लिए ग्रहण काल का अपना विशेष महत्व है। चंद्रग्रहण की अपेक्षा सूर्य ग्रहण का समय मंत्र सिद्धि, साधनादि के लिए अधिक सिद्धिदायक माना जाता है। ज्योतिष में इससे भी अधिक सूक्ष्मता से ऋषि-मुनियों ने ग्रहणों के प्रभाव का अध्ययन भूकंप ही नहीं बल्कि मनुष्य के ऊपर भी किया है।
 
ग्रहण के अशुभ प्रभावों से निजात पाने के लिए ग्रहण के दिन गरीबों को दान दें, भोजन कराएं, गायत्री मंत्र का जाप करें। अपने ईष्‍ट देव की आराधना करें और उपवास रखें। ग्रहण के उपरांत स्‍नान कर भोजन ग्रहण करें। गर्भवती महिलाएं इन तिथियों पर सावधान रहें और अपने आने वाले बच्‍चे को ग्रहण के प्रभाव से बचाने के लिए ग्रहण के समय एकांत स्‍थान पर बैठ कर पूजा-पाठ करें और बड़े बुर्जुर्गों के निर्देशानुसार कार्य करें।
 
 * व्यापार नहीं चल रहा है तो गल्ले या तिजोरी में दक्षिणावर्त शंख, 7 लघु नारियल, 7 गोमती चक्र रखें।
 
 * रोग निवारण के लिए, ग्रहण काल में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए, महामृत्युंजय यंत्र का अभिषेक करें ।
 
 * रोग निवृति हेतु, कांसे की कटोरी में पिघला देसी घी भरें, एक रुपया या सामर्थयनुसार ,चांदी या सोने का सिक्का या टुकड़ा डालें । इसमें रोगी अपनी परछाईं देखे और किसी को दान कर दे।
 
 * असाध्य रोग के लिए, ग्रहण पर तुला दान सबसे अच्छा माना गया है।
 
 * धन प्राप्ति के लिए, श्री यंत्र या कुबेर यंत्र पूजा स्थान पर अभिमंत्रित करवा के रखें  और श्री सूक्त पढें।
 
 * ग्रहण काल में कालसर्प योग या राहू दोष की शांति किसी सुयोग्य कर्मकांडी द्वारा करवाएं।
 
 * ग्रहण समाप्ति पर अपने पहने कपड़े उतार कर, 7 अनाज शरीर से 7 बार उल्टा घुमा कर अपंग, कुष्ठ रोगी या दान के सुपात्र ,दान- ग्रहणकर्ता को देने से कष्ट दूर होते हैं।
 
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 

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