सावन मास: जानिए, कब करें सावन सोमवार व्रत

punjabkesari.in Monday, Jul 18, 2016 - 01:51 PM (IST)

सावन के महीने में सोमवार के व्रत की सर्वाधिक महिमा है क्योंकि यह भगवान शिव का जहां सर्वप्रिय मास है वहीं सोमवार के दिन भगवान शिव एवं मां पार्वती के पूजन से उनकी कृपा का पात्र सहज ही बना जा सकता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन के सोमवार को व्रत करने का शास्त्रानुसार विधान है। जो कन्याएं अपनी इच्छानुसार पति पाना चाहती हैं अथवा जिनके विवाह आदि में किसी प्रकार की रुकावट आ रही हो उनके लिए तो सावन के सोमवार का व्रत ही कल्पतरु के समान है।  
 
शिवपुराण के अनुसार जिस कामना से कोई इस मास के सोमवारों का व्रत करता है उसकी वह कामना अवश्य एवं अतिशीघ्र पूरी हो जाती है। जिन्होंने 16 सोमवार व्रत करने हैं वह भी सावन के पहले सोमवार से व्रत करने की शुरूआत कर सकते हैं। इस मास में भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा करना श्रेष्ठ एवं शुभ फलदायक है। 
 
कैसे करें व्रत? 
प्रत्येक सोमवार को मंदिर में जाकर भगवान शिव परिवार की धूप, दीप, नेवैद्य, फल और फूलों आदि से पूजा करके सारा दिन उपवास करें, शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर उनका दूध से अभिषेक करें।  शाम को मीठे से भोजन करें। अगले दिन भगवान शिव के पूजन के पश्चात यथाशक्ति दान आदि देकर ही व्रत का पारण करें। अपने किए गए संकल्प के अनुसार व्रत करके उनका विधिवत उद्यापन किया जाना चाहिए। जो लोग सच्चे भाव एवं नियम से भगवान की पूजा, स्तुति करते हैं वह मनवांछित फल प्राप्त करते हैं। इन दिनों में सफेद वस्तुओं के दान की अधिक महिमा है।
 
संक्रांति से संक्रांति तक 5 सोमवार
संक्रांति से संक्रांति तक सोमवार का व्रत करने वालों को 5 तथा पूर्णिमा से पूर्णिमा तक व्रत करने वालों को 4 दिन व्रत करना होगा। श्रावण संक्रांति 16 जुलाई से शुरू हुई है तथा भाद्रपद संक्रांति 16 अगस्त को होगी। 
 
पूर्णिमा से पूर्णिमा तक 4 सोमवार
आषाढ़ मास की पूर्णिमा 19 जुलाई और श्रावण मास की पूर्णिमा 18 अगस्त को है तथा पहला सोमवार 25 जुलाई को होगा। जिन्होंने पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सोमवार के व्रत करने हैं वह पहला व्रत 25 जुलाई को करेंगे। इसके अतिरिक्त एक, आठ और 15 अगस्त तक के सोमवार का व्रत करके सावन मास के विशेष व्रत का पुण्य लाभ पाया जा सकता है। 
वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News