शुक्र का राशि परिवर्तन चराचर जगत में मचाएगा हलचल

punjabkesari.in Saturday, Oct 03, 2015 - 02:41 PM (IST)

वृष व तुला राशियों के स्वामी दैत्याचार्य शुक्रदेव सौंदर्य, सांसारिक सुख, वैभव, ऐश्वर्य, भोग-विलासिता व प्रसिद्धि के ग्रह माने गए हैं। ज्योतिषशास्त्र में शुक्रदेव को जीवनसाथी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, सभी वाहनों, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक माना गया है। वैदिक ज्योतिष की महूर्त प्रणाली के पंचांग खंड अनुसार शुक्रदेव गुरुवार दिनांक 13.08.15 को शाम 05 बजकर 12 मिनट पर अपनी शत्रु राशि सिंह राशि से निकालकर अपनी उल्टी चल से चंद्रमा की राशि कर्क में प्रवेश कर गए थे। शुक्र कर्क राशि में पुनः रविवार दिनांक 06.09.15 को सक्रिय होकर आगे बढ़े तथा अपनी सक्रिय चाल से आगे बढ़ते हुए दैत्याचार्य शुक्रदेव ने गुरुवार दिनांक 01.10.15 को कर्क राशि त्यागकर अपनी शत्रु राशि सिंह में प्रवेश किया। शुक्रदेव सिंह राशि में अपने परम शत्रु मंगल और देवगुरु बृहस्पति से मिलन हो गया है। जिसके कारण चराचर जगत में हलचल मचने के योग हैं। 

शुक्र, मंगल और गुरु की सिंह राशि में युति किसी भी रूप से सकारात्मक नहीं मानी जा सकती। शुक्र को स्त्री कारक ग्रह भी माना जाता है। लिहाजा शुक्र ग्रह का यह राशि परिवर्तन महिलाओं के लिए शुभ संकेत नहीं दे रहा है। देश भर में महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं बढ़ सकती हैं। वहीं, फिल्म और कला जगत की बात करें तो यहां भी परिस्थितियां सकारात्मक नहीं लग रही हैं। शुक्र के इस राशि परिवर्तन से सोने-चांदी के भावों में भरी गिरावट आएगी। तथा खाद्य पदार्थ को लेकर महंगाई बढ़ सकती है। जमीन-जायदाद के मूल्यों में भी गिरावट आने के योग हैं। किसी हवाई या रेल दुर्घटना का भी योग बनेगा। कालपुरुष सिद्धांत के अनुसार शुक्र के पंचम राशि सिंह में आने से जनमानस में मानसिक अशांति व मानसिक रूप से उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। लोगों का बजट गड़बड़ाएगा व भौतिक सुख साधनों पर खर्च बढ़ेगा। परिवार में आपसी मतभेद और मनमुटाव होंगे। 

आचार्य कमल नंदलाल

ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com 


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