खाना भी भरता है खजाना

punjabkesari.in Thursday, Aug 06, 2015 - 08:36 AM (IST)

भारत में प्राचीनकाल से ही मेहमानों की आवभगत करने की पंरपरा चली आ रही है। तभी तो कहा जाता है अतिथि देवो भव: कोई भी व्यक्ति आपके घर आए चाहे आपका दुश्मन ही क्यों न हो उसका भरपूर आदर-सत्कार करना चाहिए। अतिथि में भगवान का वास होता है अत: समझना चाहिए आप अतिथि के रूप में भगवान की सेवा कर रहे हैं।

दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए, जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए एवं ग्रहों की अनुकुलता पाने के लिए घर आए मेहमान को भोजन परोसने से पहले स्वयं उनके हाथ धुलवाएं पहले दाहिना फिर बायां तत्पश्चात पैर धुलवाएं। पीले रंग का तौलिया हार-पांव पोंछने के लिए दें। जमीन पर कुश का आसन आसन बिछाकर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके मेहमान को बैठाएं। कांसे की थाली या पत्तल में भोजन परोसें। भोजन में फलों का सलाद, सब्जियां  पीली दाल, मूंग दाल की बर्फी दें। 

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धन पाने के चाहवान, कर्ज से मक्ति के लिए, एक से अधिक आय के स्त्रोत की चाह करने वाले एवं धन से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए अतिथि को भोजन परोसने से पूर्व उनके हाथ धुलवाकर उन्हें पश्चिम दिशा की ओर मुख करके सफेद रंग के आसन पर बैठाएं। जो थाली आप प्रतिदिन घर में उपयोग करते हैं यानि जिसमें आप रोजाना भोजन खाते हैं उसी थाली में आप मेहमान को खाना परोसें। भोजन में खीर और फल अवश्य दें अंत में पान में सुपारी डालकर दें।

अपना घर खरीदने की इच्छा करने वाले अथवा घर से बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए अतिथि को भोजन परोसने से पूर्व उनके हाथ-पांव धुलवाकर उन्हें पूर्व दिशा की ओर मुख करके बिठाएं नीले रंग का तौलिया हार-पांव पोंछने के लिए दें। नीला रंग शनि का प्रिय रंग है और अपना घर बनाने की इच्छा करने वालों को शनि पूजन अवश्य करना चाहिए। रेशमी आसन पर बिठा कर कांसे के बर्तनों में खाना परोसें। भोजन में दाल-चावल, रोटी-सब्जी के बाद चंदन का तिलक लगाएं और पान-सुपारी खाने को दें। 

नौकरी, प्रमोशन, इंक्रीमैंट प्राप्त करने के लिए अतिथि को भोजन परोसने से पूर्व उनके हाथ-पांव धुलवाकर उन्हें पूर्व दिशा की ओर मुख करके कंबल के आसन पर बिठाएं तांबे या कांसे की थाली में भोजन परोसें। खाने में तीन तरह की सब्जी और दही हो। जब वो अपने घर को प्रस्थान करने लगे तो उसे कपड़े उपहार स्वरूप दें। सामर्थ्य न हो तो एक रूमाल भी दे सकते हैं। 


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