पुराने ग्रंथों में काल सर्प योग का उल्लेख

punjabkesari.in Monday, Feb 02, 2015 - 11:25 AM (IST)

बहुत से विद्वानों एवं विचारकों का मानना है कि कालसर्प योग की चर्चा किसी भी ग्रंथ में नहीं है। या ऐसा कोई दोष या योग नहीं होता। यह केवल कल्पना ही है। यह मात्र कपोल कल्पित है और जनता को गुमराह कर या उन्हें डरा कर पैसा ऐंंठने का ही साधन है। परंतु यदि ऐसा कोई योग होता ही नहीं तो उसका नामकरण कैसे हो गया? हां विभिन्न ग्रंथों में इसका उल्लेख अवश्य है जिनमें से निम्न ग्रंथों में इसे इस प्रकार कहा गया है :

काल सर्प योग तभी बनता है जब सारे ग्रह राहु और केतु के एक ओर आ जाएं। यदि इस रेखा से कोई एक ग्रह बाहर रह जाता है तो उसे आंशिक माना जाता है। पूर्ण कालसर्प योग वाले लोग एक बार बहुत परिश्रम के बाद ही ऊंचाई पर आते हैं और कई बार एक ही घटना उन्हें एकाएक धराशायी कर देती है। क्रियात्मक रूप से देखा गया है कि आंशिक कालसर्प योग की कुंडली वाले जातक जीवन में बहुत संघर्ष करते हैं और कई बार वहीं के वहीं रह जाते हैं। इस योग के अलावा कुंडली में अन्य योग भी अपना प्रभाव डालते हैं।

अधिकांश लोगों की कुंडलियों में कम से कम आंशिक कालसर्प योग,  मंगलीक योग की तरह अवश्य मिल जाता है। इसका कारण है कि 12 लग्न, 9 ग्रहों  के हिसाब से भी लगभग 54 करोड़ कुंडलियों में यह योग मिलेगा। एक अनुमान के अनुसार 24 लोगों में से एक में अवश्य मंगलीक योग और 6 में से एक की कुंडली में कालसर्प योग भी अवश्य मिलेगा।

अब उनको क्या कहें जो मंगल दोष को भी नहीं मानते जब कि दक्षिण भारतीय ज्योतिष में तो मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम ,अष्टम व 12वें भाव के अलावा दूसरे भाव के मंगल को भी कुछ दोष मानते हैं। 

समस्या यह है कि जब विद्वान या आलोचक उदाहरण देते हैं तो केवल गिने-चुने  सफल लोकप्रिय लोगों का ही उदाहरण देते हैं, उन कुंडलियों की विवेचना नहीं करते जिनके जीवन में इस योग के कारण उथल-पुथल कई बार पूरी जिंदगी रहती है। 

ज्योतिष का आधार प्रत्यक्षता है। हर युग में हर विषय में समयानुसार , देश काल पात्र आदि के अनुसार अनुसंधान चलते रहते हैं और उसी के आधार पर नियम और उसके फलादेश बनाए जाते हैं। 

आवश्यकता है ज्योतिष शास्त्र के क्षेत्र में हुए नवीन वैज्ञानिक शोध को स्वीकार करने की न कि एक ही परिपाटी पर घिसटने की। फिर भी इन ग्रंथों में भी ऐसे योग की व्याख्या की गई है।

जातक नभ संयोग- वराह मिहिर

रचना सारावली-कल्याण वर्मा

कालसर्प योग-शांति रत्नम

कालसर्प योग- नाड़ी ग्रन्थ

कालसर्प योग- जैन ज्योतिष 

प्रकार

1. अनंत काल सर्प 

राहु प्रथम भाव में : मानसिक अशांति,अस्थिरता , षड्यंत्र में फंसना कोर्ट के चक्कर, व्यवसाय में हानि, संघर्ष, दुखी वैवाहिक जीवन, अपनों से ही परेशानी, एक के बाद एक अनन्त मुसीबतें देता है।

2. कुलिक काल सर्प 

राहु दूसरे भाव में  : सेहत खराब, धन की कमी, अधिक संघर्ष , अपयश, कटु वाणी, पारिवारिक कलह, विवाह विच्छेद आदि।

3. वासुकी कालसर्प योग

राहु तीसरे भाव में : भाई-बहन को कष्ट, मित्रों से धोखा, नौकरी में कठिनाई, भाग्य में विघ्न ,विदेश में कठिनाई ,कानूनी नुक्सान।

4. शंंखपाल कालसर्प योग

राहु चौथेे भाव में  : वाहन से नुक्सान, माता से नुक्सान, नौकरी में कठिनाई, व्यवसाय में उतार-चढ़ाव, राजा से रंक, पढ़ाई में कमी परीक्षा में कठिनाई।

5. पद्म कालसर्प योग

राहु पांचवें भाव में  : बुढ़ापे में संतान अलग, गुप्त शत्रुओं से हानि, कारावास,  गुप्त रोग, रोगों की पहचान सही नहीं ,पत्नी का चरित्र संदेहास्पद, मित्रों सेे विश्वासघात, शेयर- लाटरी से हानि।

6. महा पद्म कालसर्प योग

राहु छठेेे भाव में  : प्रेम में असफलता, प्रिय पात्र या पत्नी से विरह,चरित्र से शुद्ध नहीं,  निराशा की भावना, शत्रु हावी।

7. तक्षक कालसर्प योग

राहु सातवें भाव में : वैवाहिक जीवन में हानि ,पार्टनरशिप में धोखा, उधार वापिस नहीं, पैसा डूबना, शत्रु अधिक, गुप्त रोगों से पीड़ित।

8. कर्कोटक कालसर्प योग

राहु आठवें भाव में : भाग्योदय में परेशानी, प्रमोशन में रुकावट, पैतृक संपत्ति में कमी, व्यापार में हानि, सर्जरी, अचानक चोट, मित्रों से धोखा।

9. शंखनाद कालसर्प योग

राहु नवें भाव में  : भाग्यहानि, शासन से परेशानी, पिता सुख कम, व्यापार में हानि, अधिकारियों से मनमुटाव, घोर परिश्रम के बावजूद फल नहीं ।

10. घातक कालसर्प योग

राहु दसवें भाव में : नौकरी में कठिनता, शासन से परेशानी ,स्थान परिवर्तन ,निरंतर ङ्क्षचता ,अधिकारियों से मनमुटाव, गृहस्थ खराब।

11. विषाक्त कालसर्प योग

राहु ग्यारहवें भाव में : जन्म स्थान से दूर ,बड़े भाई से विवाद, नेत्र पीड़ा, हृदय रोग, अंतिम जीवन रहस्यमय, घोर परिश्रम।

12. शेषनाग कालसर्प योग

राहु बारहवेंं भाव में : गुप्त शत्रु, झगड़े में हार, बदनामी ,मृत्यु के बाद नाम, नेत्र रोग, शल्य चिकित्सा आदि। 

कालसर्प वाले प्रसिद्ध लोग

नेहरू, तिलक, अकबर, मोरारीबापू, बेनजीर भुट्टो, नेल्सन मंडेला,मार्टिन लूथर किंग,भारत, अटल बिहारी वाजपेयी,कलाम, नजमा हेपतुल्ला, राजकपूर,अमृता सिंह, व्ही. शांताराम, स्मिता पाटिल, लता मंगेशकर, सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली, अडवानी, अंबानी, अमृता प्रीतम, चाणक्य, मोरारजी देसाई, चंद्रशेखर, ओशो, अजीत सिंह, नारायण दत्त तिवारी, चिदम्बरम, राम जेठमलानी, राम बिलास पासवान।

कालसर्प योग के प्रभाव

सपनों में सांप दिखना या सांपों से वास्ता पडऩा, सांप का काटना , संघर्ष, मानसिक कष्ट,भाई से या जीवन में बड़ा धोखा, पैतृक संपत्ति का नाश, शिक्षा का पूर्ण उपयोग नहीं,व्यवसाय में समस्या, संतान प्राप्ति में विलम्ब, एक के बाद एक समस्याएं, संतान का विवाह लेट,पत्नी अनुकूल नहीं, पहला प्रेम असफल,परिश्रम का फल नहीं, कोर्ट-कचहरी,थाने के बिना मतलब चक्क्र, मुकद्दमेबाजी, नौकरी बार-बार बदलना, आर्थिक हालात में बार बार उतार-चढ़ाव, मन अशांत, अनावश्यक दुश्मनी,दांपत्य जीवन व बच्चों से कम सुख, अस्वस्थ शरीर,  नशे का आदी, संचित धन संपदा एकाएक समाप्त हो जाना, हीरो से जीरो, अर्श से फर्श पर, राजा से रंक, पिता की संपत्ति हाथ से निकल जाना, असाध्य रोग।

आंशिक काल सर्पयोग के कारण जीवन में संघर्ष अधिक रहेगा। मेहनत अधिक परंतु लाभ या फल  कम मिलेगा। कोई भी काम एक बार में नहीं बनेगा, अड़चनों के बाद होगा  पर हो जाएगा। हर कार्य , विवाह, रिश्ता होकर ऐन वक्त पर टूटना , शिक्षा में एक साल का गैप , योग्य होते हुए भी नंबर कम आना, कंपीटीशन, व्यापार ,नौकरी , प्रेम प्रसंग आदि में विलंब या असफल,बार-बार व्यवसाय परिवर्तन, स्थान परिवर्तन,  टैंशन, घर से भागने, परिवार से दूर, वैवाहिक जीवन में परेशानी, संतान प्राप्ति में विलम्ब हर तरफ से परेशानी, समस्याओं से घिरे होने की संभावना रहेगी। जीवन में यश कम रहेगा। जिसकी मदद करेंगे वह काम नहीं आएगा या उससे संबंध बिगड़ जाएंगे। जीवन में 27 -30 वर्षों तक सब कुछ धीमी गति से चलने की संभावना है। कई कार्य अंतिम समय पर काम बिगडऩे, सामने आई चीज हाथ से निकल जाने,  पैसा फंसने  की संभावना बनी रहेगी।

सब कुछ होते हुए भी मन की आंतरिक खुशी गायब रह सकती है। काम आप करेंगे, क्रैडिट कोई और ले जाएगा। जूनियर आपसे आगे बढ़ जाएंगे। आप सीढ़ी का पायदान बनकर रह जाएंगे, लोग आपका सहारा लेकर ऊपर चढ़ जाएंगे । आप वहीं के वहीं रह जाएंगे पारिवारिक अशांति,  अनचाहे मुकद्दमे या पुलिस केस, सरकारी कार्यालयों में परेशानी, आकस्मिक दुर्घटना ,चोरी, गंभीर बीमारी ,चौपाए पशु से समस्या  मत्यु तुल्य कष्ट, पार्टनरशिप अपनों से धोखा, विदेश गमन गणग्रस्त , बेकसूर होने पर भी  समस्या होने की आशंका रहेगी। जीवन के किसी एक भाग में कमी रहेगी। माता या पिता में से किसी एक का साथ कम रहेगाा। सपनों में या जीवित सापों से सामना होगा। अजीब सपने होंगे। उखड़ी नींद होगी। काल सर्प योग को नकारने वाले उपरोक्त उल्लेखित ग्रंथों का अध्ययन अवश्य करें। हां इसका नामकरण अलग-अलग समय पर अलग-अलग हो सकता है परंतु परिणाम यही होते हैं जिनकी चर्चा उपरोक्त बिंदुओं पर की गई है।

                                                                                                 —मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषविद् 


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