पायल से अलग होने के 5 वर्षोंबाद भी उमर ने नहीं की शादी, जानिए तलाक से जुड़ी कुछ बातें

punjabkesari.in Friday, Jul 01, 2016 - 02:40 PM (IST)

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी बीवी पायल नाथ को अलग हुए करीब पांच वर्ष हो गए हैं। पायल आज भी अपने बच्चों के साथ दिल्ल स्थित सीएम के सरकार निवास स्थान में रहती हैं। हांलाकि अब जम्मू कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती के लिए आवास रिक्त  करने हेतु उन्हें नोटिस दिया गया है लेकिन उन्होंने घर खाली करने से मना कर दिया है।
 

उमर और पायल की शादी सुर्खियों में रही है। पायल सिख परिवार से हैं और उमर जम्मू कश्मीर के जाने-माने राजनीतिक परिवार से। ऐसे में जब उमर सीएम बने तो उसके फौरन बाद उनके तलाक की खबरे मीडिया में खूब सुर्खियों में रही। उमर का नाम उस दौरान एक टीवी एंकर निधि राजदान से भी जोड़ा जाता रहा लेकिन शादी टूटने के पांच वर्षों के बाद भी उमर अब्दुल्ला ने शादी नहीं की।

दिल्ली के सोशल सर्कल में उमर और पायल की अपनी एक पहचान है। ऐसे में वर्ष 2011 में उनके बीच तनाव की बातें खूब चटकारे लेकर सुनी जाने लगी। उमर का दिल्ली जाना और अकबर रोड स्थित निवास, यहां पायल अपने दो बेटो जाहिर ओर जमीर के साथ रहती हैं, न जाना सबको अखरने लगा। फिर बातें आई टीवी एंकर के साथ उमर के अफेयर की। हांलाकि उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से स्वयं कहा कि उनके निजी मामले में हस्तक्षेप न किया जाए और वह किसी से भी शादी नहीं करेंगे।

एक सीएम होने के नाते तलाक का उनके राजनीतिक कार्य पर कोई असर भी नहीं होने देंगे। अटकलें यह भी थी कि उमर के पिता डा अब्दुल्ला नहीं चाहते थे कि उमर गैर मुस्लिम कश्मीरी लडक़ी से शादी करें और उन्होंने टीवी एंकर की जगह उमर के लिए कश्मीर के एक मंत्री की बहन को चुन रखा था।


कौन है निधि राजदान
निधि राजदान एक हाईप्रोफाइल मीडिया एंकर हैं। तलाकशुदा होने के बाद भी वे लिविन रिलेशनशिप में रही हैं। उमर की दोस्त कही जाने वाली निधि के करीब आने की चर्चाओं के बाद उमर अब्दुल्ला और पासल नाथ की दूरिया इतनी बढ़ी की तलाक तक बात आ गई।
उमर और पायल का तलाक आपसी सहमति से हुआ।


उमर का परिवार
उमर के पिता डा फारूक अब्दुल्ला ने भी एक ब्रिटिश महिला से शादी की है। उमर अब्दुल्ला की बहन सारा सचिन पायलट की बीवी हैं। उमर ने सिख परिवार में शादी की है। हांलाकि यह भी सच है कि कटटरवादी कश्मीरी राजनीति ने इन महिलाओं को श्रीनगर में कभी अपनी जगह नहीं बनाने दी।


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