भारत ने सिंधु संधि का पूरा इस्तेमाल नहीं किया: विशेषज्ञ

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2016 - 04:15 PM (IST)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में हुए उरी हमले के बाद 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि काे रद्द करने की मांग जाेराें पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी भी इस मुद्दे काे लेकर बैठक कर चुके हैं और उनका कहना है कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ने अब तक इस संधि का उपयोग जम्मू-कश्मीर में सिंचाई और पनबिजली क्षमता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से नहीं किया है।

संधि का हाे पूरा उपयोग
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर पाकिस्तान अपने किसी भी वादे को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है तो वह भारत से भी काेई उम्मीद ना रखे। पूर्व जल संसाधन सचिव धु्रव विजय सिंह ने कहा कि हमें पनबिजली क्षमता के निर्माण और सिंचाई के लिए पानी के उपयोग की अनुमति है। समझौते के तहत हमें उससे कहीं ज्यादा की इजाजत है जो अब तक हमने किया है। इसलिए इस संधि का पूरी तरह उपयोग किया जाए। 

दो प्रस्ताव किए थे पारित 
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए सिंधु के और अधिक पानी की मांग करते हुए राज्य विधानसभा में दो प्रस्ताव पारित किए गए थे। सिंह ने कहा कि हम सिंचाई के लिए और बहुत कुछ कर सकते हैं। संधि की जो शर्तें भारत के पक्ष में हैं उनका और दोहन करने की जरूरत है। एक पूर्व सिंधु आयुक्त ने कहा कि भारत के फायदे के लिए इस संधि का उपयोग करने का सरकार का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है। 


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