कश्मीर अशांति:11 सालों बाद श्रीनगर में बीएसएफ फिर तैनात

punjabkesari.in Monday, Aug 22, 2016 - 03:49 PM (IST)

श्रीनगर :  हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद गत ढेढ़ महीने से कश्मीर में जारी अशांति पर नियंत्रण पाने के लिए जहां पहले ही सी.आर.पी.एफ. की अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है वहीं स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अब श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) को 11 सालों के बाद तैनात किया गया है। शहर के रेडियो कश्मीर और रिगल लेन के बीच मार्ग पर बी.एस.एफ. जवानों को तैनात कर दिया गया।


घाटी में 0- के दशक के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए जाने जाने वाले बल को शहर के फतेहकदल इलाके में इरफान अमहद नामक युवक की सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मौत के एक दिन बाद तैनात कर लिया गया। आतंकवाद से 14 सालों तक लडऩे के बाद बी.एस.एफ. की जगह कश्मीर में 2005 के दौरान केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) को तैनात कर लिया गया है।


आतंकवाद विरोधी कर्तव्यों से बी.एस.एफ. को रिलीव करने का फैसला राजग सरकार के नेतृत्व में तत्काल भाजपा ने उस समय लिया था जब मंत्रियों के एक समूह ने विभिन्न अद्र्धसैनिक बलों के लिए अलग-अलग कर्तव्यों की सिफारिश की थी।
दिलचस्प है कि आतंकी बुरहान के मारे जाने पर भडक़े हिंसक प्रदर्शनों के एक सप्ताह पहले नई दिल्ली ने अशांत कश्मीर के कुछ इलाकों में सी.आर.पी.एफ. की जगह बी.एस.एफ. को तैनात कर दिया था। आतंकवाद के खिलाफ प्रमुख आक्रामक कदम पांपोर में सी.आर.पी.एफ. काफिले पर आतंकी हमले जिसमें आठ जवानों की मौत जबकि 21 अन्य घायल हो गए थे , के बाद उठाया गया था। हमले के तुरन्त बाद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी का दौरा किया था जिसके दौरान उन्होने इस योजना के संकेत दिए थे।


इस बीच सोमवार को लगातार 45वें दिन कफ्र्यू और हड़ताल जारी रहने से आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। श्रीनगर के फतेहकदल इलाके में गत रात  आंसूगैस के एक गोले की चपेट में आकर रविवार को एक किशोर की मौत हो गई थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, पांपोर, बडगाम, सोपोर, बांडीपुरा, बारामुला, गांदरबल, कुपवाडा, हंदवारा, अवंतिपूरा और कोइमु शहरों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध जारी रहे।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूरे श्रीनगर जिले के साथ अनंतनाग शहर में भी कर्फ्यू जारी है। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के खानसाहिब शहर में भी एहतियाती तौर पर कफ्र्यू लगाया गया है। उन्होंने बताया कि हालात में सुधार को देखते हुए पंपोर से कफ्र्यू हटा लिया गया है।


हालांकि, अधिकारी ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत शहर समेत घाटी में जहां भी कर्फ्यू  नहीं है, उन स्थानों पर चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है।
उन्होंने बताया कि ऐसा कानून और व्यवस्था को कायम रखने के लिए किया गया है। शहर के प्रमुख इलाके में आंसू गैस का गोले लगने से रविवार को इरफान वानी नाम के एक युवक की मौत हो गई थी। अधिकारी ने बताया कि यहां की ग्रीष्मकालीन राजधानी के मध्य में स्थित लाल चौक के इर्द-गिर्द 14 अगस्त को लागू किए गए प्रतिबंधों में सोमवार को ढील दी गई।


उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास कफ्र्यू पास है केवल उन्हीं को लाल चौक के इर्द.गिर्द जाने की इजाजत है।
हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के खिलाफ घाटी में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था। इन प्रदर्शनों के दौरान आम नागरिकों की मौत के विरोध में आंदोलन की अगुवाई कर रहे अलगाववादियों ने सोमवार को लोगों से तहसील मुख्यालयों की ओर रैली निकालने का आह्वान किया। नौ जुलाई को शुरू हुए संघर्षं में दो पुलिसकर्मी सहित 71 लोगों की मौत हो चुकी है और कई हजार लोग घायल हैं।

इस बीच कर्फ्यू, प्रतिबंधों और अलगाववादियों के बंद के आह्वान के कारण घाटी में लगातार 45वें दिन जनजीवन प्रभावित हुआ है। दुकानें, निजी कार्यालय, शिक्षण संस्थान और पेट्रोल पंप बंद रहे जबकि सार्वजनिक वाहन सडक़ों पर नहीं उतरे। सरकारी कार्यालयों और बैंकों में भी उपस्थिति कम रही। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा लगातार निलंबित हैण् यहां पर प्रीपेड मोबाइल पर आउटगोइंग सुविधा बंद है। सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक, और मोहम्मद यासिन मलिक की अगुवाई वाली अलगाववादी गुट ने आंदोलन को 25 अगस्त तक बढ़ा दिया है।

 


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