ISI की लंदन साजिश को क्यों नहीं मिल रहा Global Attention, एजेंसी की योजना पर क्यों चुप है दुनिया?
punjabkesari.in Wednesday, Dec 20, 2023 - 01:05 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: ISI का पूरा नाम इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी है। ISI पाकिस्तान की प्रमुख खुफिया एजेंसी है जो सेना को खुफिया जानकारी प्रदान करने और खुफिया अभियान चलाने के लिए जिम्मेदार है। विदेशी धरती से संचालित देश विरोधी आवाजों पर लगाम लगाने की कोशिश आईएसआई के साथ इसके हत्यारे दस्ते दुनिया की विभिन्न राजधानियों से काम कर रहे हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ता अकबर पर बर्बर एसिड हमला हर्टफोर्डशायर में उनके घर के बाहर खतरे की घंटी बजानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं पूर्व पाकिस्तानी इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के बाद अकबर पाकिस्तान से भाग गए थे। वह जाने-माने लोगों के हश्र से डर गया था। इमरान खान के अलावा केन्या में पत्रकार, अरशद शरीफ भी देश छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद भी आईएसआई की धमकियों के कारण उसका दुबई तक पीछा किया। शहजाद अकबर को इस साल मई की शुरुआत में खतरे की गंभीरता का एहसास हुआ जब उनके भाई मुराद को आईएसआई के लोगों ने अपहरण कर लिया था। इसे लेकर शालीमार पुलिस स्टेशन, इस्लामाबाद में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई।
एजेंसी चाहती थी कि अकबर पाकिस्तान लौटें और अपने पूर्व के खिलाफ गवाही दें। नवंबर की शुरुआत में अकबर को उच्चायोग से एक पत्र मिला। बस उसका पता जांचने के लिए उन पर हमला कर दिया गया। लंदन में यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि अकबर पर हमला आईएसआई द्वारा किया गया था। यह अनुभाग लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग से संचालित होता है। अनुभाग का नेतृत्व एक कर्नल करता है। इसमें पाकिस्तान सरकार के सदस्यों की आधिकारिक भागीदारी है। इस आक्रोश के 12 घंटों के भीतर, पाकिस्तान में अधिकारियों ने इसे रेखांकित किया। इस्लामाबाद में शहजाद अकबर के घर पर छापा मारकर उसके भाई को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इस घटना से आईएसआई का लंदन कार्यालय सुर्खियों में आया।

देश छोड़कर भाग चुके एक पाकिस्तानी ब्लॉगर की हत्या का प्रयास 2021 में आईएसआई से धमकियां मिलने के बाद संकटग्रस्त ब्लॉगर व अहमद वकास गोराया को रॉटरडैम में एक व्यक्ति द्वारा मारने के लिए तैयार किया गया था। मुहम्मद गोहिर खान. खान को आईएसआई द्वारा काफी पैसा दिया गया था।
दरअसल, मशहूर ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने 2021 में लंदन में आईएसआई द्वारा बनाई गई एक हत्या सूची की सूचना दी गई थी। आतंकवाद पुलिस ने लंदन में रह रहे पाकिस्तानी निर्वासितों को चेतावनी जारी की थी। एक अन्य अखबार, द ऑब्ज़र्वर ने भी इसी तरह की रिपोर्ट दी कि यूरोप में मौजूद पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान के कार्यकर्ता, पत्रकार, और पश्तून तहफ़ुज़ आंदोलन के सदस्य, जातीय प्रतिनिधित्व करने वाला एक समूह पश्तून को भी चेतावनियां दी गई।
