कौन हैं काश पटेल? जिनको FBI चीफ के रूप में सीनेट की मिली मंजूरी

punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 06:12 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कःअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के प्रमुख के रूप में नामित कश्यप 'काश' पटेल को अब आधिकारिक तौर पर एफबीआई के नए डायरेक्टर के रूप में सीनेट से मंजूरी मिल गई है। सी-स्पैन के मुताबिक, काश पटेल ने 51-47 के वोट से पुष्टि प्राप्त की, हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान डेमोक्रेट्स ने विरोध किया था। डेमोक्रेट्स ने चेतावनी दी थी कि काश पटेल, एक कट्टर रिपब्लिकन, राष्ट्रपति ट्रंप के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए एफबीआई का दुरुपयोग कर सकते हैं। 

कश्यप पटेल: एक लंबा और प्रभावशाली करियर
काश पटेल का करियर कानून और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में काफी प्रभावशाली रहा है। उन्होंने अपना करियर एक सार्वजनिक वकील के तौर पर शुरू किया था, जहां उन्होंने राज्य और संघीय अदालतों में कई जटिल मामलों की सुनवाई की, जिनमें हत्या से लेकर वित्तीय अपराधों तक के मामले शामिल थे। इसके बाद वे अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियोजक के रूप में काम किया। इस दौरान उन्होंने अल-कायदा और आईएसआईएस से जुड़े अपराधियों के खिलाफ अभियोजन की जिम्मेदारी निभाई।

उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ 2019 में आया जब उन्हें ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में नियुक्त किया गया। इसके बाद, ट्रंप के राष्ट्रपति पद के अंतिम महीनों के दौरान, काश पटेल को कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया।

एफबीआई के डायरेक्टर का कार्यकाल और नियुक्ति की प्रक्रिया
एफबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल 10 साल का होता है, लेकिन राष्ट्रपति उन्हें हटा भी सकते हैं। काश पटेल की नियुक्ति से पहले, 2017 में नियुक्त क्रिस रे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जब पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें बर्खास्त करने का संकेत दिया था। काश पटेल ने मजबूत रिपब्लिकन समर्थन के साथ सीनेट में एक महत्वपूर्ण वोट को मंजूरी दी। द न्यू यॉर्क पोस्ट के अनुसार, सीनेट ने पटेल के नामांकन को आगे बढ़ाने के लिए 48-45 वोट दिए, जिससे 30 घंटे की बहस के बाद गुरुवार को अंतिम मंजूरी दी गई।

डेमोक्रेट्स का विरोध
डेमोक्रेट्स ने काश पटेल की नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठाए। उनका मानना है कि पटेल, जो कि एक कट्टर रिपब्लिकन हैं, एफबीआई का उपयोग ट्रंप के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कर सकते हैं, जिससे एजेंसी की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठ सकते हैं। डेमोक्रेट्स ने यह चिंता भी जताई कि पटेल के नेतृत्व में एफबीआई ट्रंप के एजेंडे को आगे बढ़ा सकती है, जो उनकी नीति और दृष्टिकोण से मेल खाता है।

पटेल की प्रतिक्रिया
काश पटेल ने अपनी नियुक्ति के बाद एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने ट्रंप और अटॉर्नी जनरल बोंडी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एफबीआई का नया मिशन यह होगा कि इसे पूरी तरह से पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के प्रति प्रतिबद्ध बनाया जाएगा। पटेल ने यह भी कहा, "हम एक ऐसी एफबीआई का पुनर्निर्माण करेंगे जिस पर अमेरिकी लोग गर्व महसूस करें।" उनका यह भी कहना था कि जो लोग अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, उनके लिए यह एक कड़ी चेतावनी होगी।  

एलन मस्क ने दी बधाई
अमेरिकी डीओजीई के प्रमुख और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने संघीय जांच ब्यूरो के 9वें निदेशक के रूप में पुष्टि होने पर काश पटेल को बधाई दी। 

अयोध्या के राम मंदिर पर बयान से भी चर्चा में रहे काश पटेल, माता-पिता गुजराती मूल के 
काश पटेल भारत अयोध्या के राम मंदिर को लेकर भी खूब चर्चा में रहें है। काश पटेल के परिजनों का भारत के गुजरात से संबंध है। न्यूयॉर्क में पैदा हुए कश पटेल के माता-पिता पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया से अमेरिका पहुंचे थे। कानून की पढ़ाई करने वाले काश पटेल को अपने गुजराती मूल पर गर्व है और वे कह भी चुके हैं कि वे गुजरात मूल से आते हैं। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर कश पटेल के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने खासी सुर्खियां बटोरीं थी। दरअसल इस पोस्ट में कश पटेल ने लिखा था कि विदेशी मीडिया अयोध्या के 50 वर्षों की बात कर रही है लेकिन राम मंदिर के 500 साल से भी पुराने इतिहास को भुला दिया गया है। कश ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था। 
 


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Content Writer

Pardeep

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