पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल कारों की लाइफ कितनी? जानिए अहम बातें

punjabkesari.in Sunday, Jul 06, 2025 - 10:52 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पुराने वाहनों पर सख्त रुख अपनाया है। अब राजधानी में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीज़ल वाहनों में ईंधन भरने पर बैन लगा दिया गया है। यह नियम ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरों की मदद से लागू किया जा रहा है। इस कदम का मकसद दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करना है। हालांकि इस नियम से लोगों में नाराज़गी है लेकिन दिल्ली सरकार का कहना है कि यह कदम लोगों की सेहत के लिए ज़रूरी है।

यह सवाल उठ रहा है कि क्या पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी इस तरह का कोई नियम है और वहाँ पेट्रोल तथा डीज़ल कारों को लेकर क्या प्रावधान हैं।

पाकिस्तान में भी है पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पहले से ही अत्यधिक महंगाई का सामना कर रहा है जहाँ आटे, तेल, दाल, चावल और गैस सिलेंडर जैसे मूलभूत सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। हाल ही में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में भी उछाल आया है जिससे आम लोगों पर गहरा असर पड़ा है। पाकिस्तान में पेट्रोल और डीज़ल कारों के संबंध में कोई खास विस्तृत निर्देश तो नहीं हैं लेकिन कुछ सामान्य दिशा-निर्देश ज़रूर हैं जो कार की उम्र और इस्तेमाल को प्रभावित करते हैं।

 

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कितने समय तक चला सकते हैं डीज़ल-पेट्रोल गाड़ियाँ?

पाकिस्तान में भी पेट्रोल और डीज़ल कारों की अधिकतम उम्र क्रमशः 15 और 10 साल निर्धारित की गई है। 15 साल से पुरानी पेट्रोल कारें और 10 साल से पुरानी डीज़ल कारों को 'एंड ऑफ लाइफ' वाहन माना जाता है। इन वाहनों को सार्वजनिक रूप से सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं है। इसका मतलब है कि 10 साल से ज़्यादा की डीज़ल कारें और 15 साल से पुरानी पेट्रोल कारें चाहे उनकी फिटनेस कैसी भी हो पाकिस्तान में प्रतिबंधित हैं।

 

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इलेक्ट्रिक वाहनों पर बढ़ रहा विचार

पड़ोसी मुल्क में लगातार बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीज़ल के आसमान छूते दामों की वजह से वहाँ भी लोग अब इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को अपनाने पर विचार कर रहे हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि पर्यावरणीय चिंताएँ और आर्थिक दबाव दोनों ही देशों को पुराने वाहनों से दूरी बनाने और वैकल्पिक ईंधन स्रोतों की ओर बढ़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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