शिनजियांग में चीन सरकार की अनुमति के बावजूद उइगर मुस्लिमों ने नहीं रखे रोजे, जताया खौफ
punjabkesari.in Sunday, Apr 25, 2021 - 12:28 PM (IST)
बीजिंग: चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों में चीनी सरकार के अत्याचारों का खौफ इस कद्र हावी है कि लगातार तीन साल तक पाबंदी के बाद जब इस बार रमजान में रोजा रखने की अनुमति दी गई, तो किसी ने भी रोजा नहीं रखा। उइगरों को डर है कि चीनी अधिकारी उनकी कट्टरपंथी मुस्लिमों के रूप में पहचान कर उन पर जुल्म बढ़ा देंगे। चीन ने उइगरों को रोजा रखने की इजाजत अपने दो मकसद पूरे करने के लिए दी है। एक तो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उसकी आलोचना बंद हो जाए और दूसरा कट्टरपंथी मुस्लिमों की पहचान हो जाए। रेडियो फ्री एशिया पर अपने लेख में शोहरत होशूर ने लिखा है कि चीन ने शिनजियांग प्रांत तीन साल से रमजान में रोजा रखने पर रोक लगा दी थी।
मस्जिदों पर सख्ती के साथ ही नियंत्रण रहता था। खाने-पीने के स्थान भी खुले रखने के आदेश दिए जाते थे। पिछले साल ही 23 अप्रैल से 23 मई तक काशगर में पुलिस ने लोगों से पूछताछ करना शुरू कर दिया था कि कौन लोग रोजे रखते हैं। इसके साथ ही रोजे खोलने के समय पुलिस बैठक या अन्य किसी कारण से बुला लेती थी, जिससे रोजे न खोले जा सकें। लेकिन इस बार रमजान में पाबंदी हटा दी गई है। सभी को रोजा रखने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन शिनजियांग की पूरी आबादी ने डर के कारण रोजे नहीं रखे।
उनका मानना है कि यह चीन की साजिश है और वह इस माध्यम से कट्टरवादी मुस्लिमों की खोज कर रही है। उन पर कट्टरपंथी की छाप पड़ते ही उत्पीड़न शुरू हो जाएगा। यहां के लोगों को मालूम है कि ये सब अतंरराष्ट्रीय आलोचना से बचने के लिए किया जा रहा है। उइगर मुस्लिम अमेरिका के मानवाधिकार परिषद ने कहा है कि कि चीन ने शिनजियांग में शिविरों से उइगर व अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिमों को मुक्त नहीं किया है। पिछले साल सितंबर में आस्ट्रेलिया की स्ट्रेटेजिक इंस्टीट्यूट ने 380 यातना शिविरों की पहचान की थी।