सुपरपावर की निकली हेकड़ी: 32 साल बाद अमेरिका ने रूस के आगे फैलाए हाथ ! इस चीज के लिए मदद मांगने को हुआ मजबूर
punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 06:20 PM (IST)

Washington: दुनिया को प्रतिबंधों की राजनीति सिखाने वाला अमेरिका खुद अब प्रतिबंधित रूस से अंडे खरीदने पर मजबूर हो गया है। यह 32 वर्षों में पहली बार हुआ है जब अमेरिका ने रूस से अंडे आयात किए। आखिरी बार 1992 में अमेरिका ने रूस से अंडों की खरीद की थी। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी RIA नोवोस्ती के अनुसार, जुलाई 2025 में अमेरिका ने रूस से ताजे चिकन अंडे खरीदे और इस पर 4,55,000 डॉलर खर्च किए। यानी मजबूरी में अमेरिका को वही करना पड़ा जिसे लेकर वह हमेशा दूसरों को रोकता आया है -रूस से आयात।
US forced to import eggs from the sanctioned to all hell's Russia
— RT (@RT_com) September 5, 2025
Was your sunny-side-up egg‑stra delicious lately?
US stat service analysis by RIA Novosti reveals US imported fresh chicken eggs from Russia for $455,000 in July
First time in modern history pic.twitter.com/sUchNCt1aQ
अमेरिका क्यों हुआ मजबूर?
- साल 2025 की शुरुआत में अमेरिका में एवियन फ्लू फैल गया, जिससे लाखों मुर्गियों की मौत हो गई।
- इससे देश में चिकन और अंडों का स्टॉक बुरी तरह प्रभावित हुआ।
- जनवरी-फरवरी 2025 तक हालात इतने बिगड़े कि कई सुपरमार्केट्स ने अंडे खरीदने पर लिमिट लगा दी।
- फरवरी तक एक दर्जन अंडों की कीमत 7 डॉलर (लगभग 580 रुपये) तक पहुँच गई थी।
- जुलाई 2025 तक कीमतें पिछले साल की तुलना में 16.4% अधिक थीं।
रूस पर लगाए थे सैंक्शनः गौरतलब है कि अमेरिका ने 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे।
- रूस के सेंट्रल बैंक के अरबों डॉलर फ्रीज़ किए गए।
- प्रमुख रूसी बैंकों को SWIFT सिस्टम से बाहर कर दिया गया।
- रूस से तेल, गैस, कोयला, समुद्री उत्पाद और हीरे के आयात पर रोक लगाई गई।
- लेकिन अब हालात ऐसे बन गए कि वही अमेरिका रूस से अंडे खरीदने की लाइन में खड़ा नजर आया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम अमेरिका की आर्थिक और खाद्य असुरक्षा को उजागर करता है। जिस देश पर अमेरिका ने "सुपरपावर दबाव" बनाने की कोशिश की, उसी से अब "बुनियादी खाद्य जरूरत" पूरी कर रहा है। रूस का दावा है कि यह उसकी वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूती और लचीलापन दिखाता है।
भारत समेत कई देश पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अमेरिका की प्रतिबंधों की राजनीति उल्टा असर डाल सकती है। अब अंडों के इस उदाहरण ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका भी अपनी घरेलू जरूरतों के आगे झुकने को मजबूर है।