अमेरिका ने फिर उठाई चीन के खिलाफ आवाज, कहा-वुहान से ही आया कोरोना वायरस ! WHO करे पारदर्शी जांच

punjabkesari.in Thursday, May 27, 2021 - 01:21 PM (IST)

 लॉस एंजलिसः कोरोना वायरस  की उत्पति को लेकर एक बार फिर आवाज तेज होने लगी है कि यह कहां से आया ? क्या ये प्राकृतिक वायरस है या इसे लैब में बनाया गया है। साल 2019 के अंत से ये पहेली अब तक  सुलझ नहीं पाई है। दुनिया में करोड़ों लोग इस वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जबकि कई लाखों लोगों की मौत हो चुकी हैं। दुनिया भर में प्रसिद्ध अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फासी और कई अमेरिकी विशेषज्ञों नें कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर फिर से आवाज उठाई है।  डॉ एंथनी फासी ने कहा कि क्योंकि  100% नहीं जानते हैं कि (कोरोना वायरस) की उत्पत्ति क्या है, इसलिए यह जरूरी है कि हम देखें और इसकी जांच करें।

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हर सबूत वुहान  के खिलाफः पोम्पियो
उधर, अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि हर सबूत वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से कोरोनावायरस के  लीक होने की ओर इशारा करता है और इसके लिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) को "जवाबदेह" ठहराया जाना चाहिए। पोम्पिओ की टिप्पणी एक अमेरिकी मीडिया द्वारा रिपोर्ट किए जाने के बाद आई है कि चीन द्वारा  COVID के पहले रोगी की सूचना देने से पहले ही वुहान लैब  के तीन स्टाफ सदस्यों ने नवंबर 2019 में बीमार पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती होने की मांग की थी ।

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WHO कोरोना की उत्पत्ति की दोबारा करे जांच
अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना की उत्पत्ति की जांच जारी रहनी चाहिए। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) से कोरोना की उत्पत्ति की दोबारा जांच की मांग की है। इसके साथ ही चीन से इस बार जांच में पारदर्शी रहने की बात भी कही गई है। चीन में कोरोना संक्रमण फैलने से पहले एक लैब के तीन शोधकर्ताओं के बीमार पड़ने की खबर सामने आने के बाद इस वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की मांग  और जोर पकड़ने लगी है। अमेरिका ने कहा कि यह वायरस कहां से आया, इसकी फिर से जांच होनी चाहिए।

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पारदर्शी और वैज्ञानिक आधार पर नए सिरे से अध्ययन हो
व्हाइट हाऊस के कोरोना वायरस सलाहकार एंंडी स्लेवट और अमेरिकी शिक्षा मंत्री जेवियर बेसेरा ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंत्री स्तरीय बैठक में यह मांग उठाई। व्हाइट हाऊस के कोरोना वायरस सलाहकार ने कहा कि इस मुद्दे पर WHO को पारदर्शी जांच करनी चाहिए और चीन को इसमें स्पोर्ट करना चाहिए। इस बीच अमेरिकी शिक्षा मंत्री जेवियर बेसेरा ने  वीडियो संदेश के जरिए कहा, 'कोरोना के स्रोत का पता लगाने के लिए पारदर्शी और वैज्ञानिक आधार पर नए सिरे से अध्ययन किया जाना चाहिए।'जेवियर ने चीन का नाम लिए बगैर यह मांग की। वाल स्ट्रीट जर्नल अखबार ने रविवार को अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से यह उजागर किया था कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी के तीन शोधकर्ता नवंबर, 2019 में बीमार पड़े थे। इसके एक महीने बाद चीन में कोरोना के पहले मामलों की पुष्टि की गई थी। इसी लैब से कोरोना के लीक होने का संदेह जताया जाता है।

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WHO नकार चुका है वुहान लैब से कोरोना के लीक होने की बात
गत वर्ष तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने भी यह दावा किया था कि चीनी लैब से कोरोना लीक हुआ था। अमेरिका समेत कई देशों की मांग पर WHO की टीम कोरोना का स्रोत जानने के लिए गत जनवरी में चीन गई थी। टीम ने वुहान लैब का भी दौरा किया था। WHO ने लैब से कोरोना के लीक होने की बात को नकार दिया था। व्हाइट हाउस के सीनियर एडवाइजर फॉर COVID रिस्पॉन्स ऑन वायरस ऑरिजिन ने   कहा कि हमें चीन से पारदर्शी प्रक्रिया की जरूरत है। हमें उस मामले में मदद करने के लिए WHO की जरूरत है । हमें इसकी तह तक जाने की जरूरत है, जो भी जवाब हो और यह हमारे लिए महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।


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Content Writer

Tanuja

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