अमरीका की उत्तर कोरिया को अंतिम चेतावनी, बस बहुत हो चुका

punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2017 - 01:58 AM (IST)

संयुक्त राष्ट्र: अमरीका ने उत्तर कोरिया द्वारा शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किए जाने के कारण उस पर ‘‘कठोरतम संभव’’ कदम उठाने की मांग की है साथ ही चेतावनी दी कि प्योंगयांग के साथ व्यापार करने वाला तथा उसके ‘‘खतरनाक’’ परमाणु इरादों में सहायता करने वाला प्रत्येक देश उसके राडार पर है।

संयुक्त राष्ट्र में अमरीका राजदूत निक्की हेली ने उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, ‘‘इस समस्या को समाप्त करने के लिए सभी कूटनीतिक तरीकों को झोंक देने का वक्त आ गया है और इसका तात्पर्य है कि यहां तत्काल कठोरतम संभव कदम उठाए जाएं।’’ निक्की ने कहा, ‘‘कठोरतम कदम ही हमें इस समस्या को कूटनीतिक तरीके से हल करने में सहायता करेगा।’’

निक्की ने कहा, ‘‘ हमने शुरुआत की है और अभी लंबा सफर तय करना है।’’उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम पहले के मुकाबले काफी आधुनिक और काफी खरनाक है और अब यह तो देश हाइड्रोजन बम का परीक्षण कर लेने का दावा कर रहा है। अमरीका राजनयिक ने कहा, ‘‘मुझे सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहना चाहिए ‘‘बहुत हो चुका’’ सुरक्षा परिषद में आधे कदम उठाने का वक्त समाप्त हुआ। अब हमें जो भी कठोरतम कदम हैं, वे उठाने चाहिए। ’’निक्की ने उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने वाले देशों को भी चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘अमरीका उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने वाले प्रत्येक देश को ऐसे देश के रूप में देखेगा जो उसके खतरनाम परमाणु इरादों को पूरा करने में इसकी मदद करता है।’’ अंडर सेक्रेटरी जनरल जेफरे फेल्टमैन ने बैठक में कहा कि महासचिव एंतोनियो गुतारेस चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र इकाई एकजुट रहे और उचित कार्रवाई करे। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पिछले सप्ताह सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा था कि तनाव बढऩे के साथ ही गलतफहमियां बढऩे का भी खतरा बढ़ता है। ताजा घटनाक्रम को व्यापक प्रतिक्रिया की जरूरत है।

इटली के राजनयिक ने इसे उत्तर कोरिया की भडकाऊ हरकत करार दिया और उत्तर कोरिया पर कडे प्रतिबंध लगाने की मांग की। फ्रांस और ब्रिटेन के राजनयिकों ने भी ऐसे ही प्रस्ताव दिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया की ओर से किए गए छठे तथा सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण के बाद उस पर नए तथा कडे प्रतिबंध लगाने की मांग उठने के बाद यह आपात बैठक शुरू की। अमरीका , ब्रिटेन, फ्रांस, जापान और दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया द्वारा रविवार को हाइड्रोजन बम बनाने का दावा करने के बाद आपात बैठक बुलाने की मांग की थी।   


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