हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर सतर्क अमेरिका,रक्षा मंत्री ने चीन को लेकर जापान से की बातचीत

punjabkesari.in Sunday, Jan 24, 2021 - 04:49 PM (IST)

न्यूयार्कः अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने जापान, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों से बातचीत की।  पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी से बातीचत के दौरान ऑस्टिन ने अमेरिका-जापान गठबंधन के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धताओं को दोहराया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बरकरार रखने के महत्व पर जोर दिया। किर्बी ने कहा, ‘‘ऑस्टिन और किशी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा मुद्दों के वृहद आयाम पर चर्चा की और कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बाद भी सहयोगी देशों की तैयारी सुनिश्चित रखने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।'' 

 

ऑस्टिन ने अपने जापानी समकक्ष नोबुओ क‍िशी के साथ टेलीफोन पर लंबी बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अमेरिका-जापान सुरक्षा संधि द्वारा संरक्षित सेनकाकुश द्वीप समेत भारत-प्रशांत क्षेत्र और पूर्वी चीन सागर क्षेत्रीय विवादों पर चर्चा की।  अमेरिकी रक्षा सचिव ने साफ किया कि संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका पूर्वी चीन सागर में यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। इस मौके पर ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका-जापान सुरक्षा संधि के तहत सेनकाकुश द्वीप की सुरक्षा के लिए वाशिंगटन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा के साथ कोविड-19 महामारी पर भी चर्चा की।

 

खास बात यह है कि अमेरिका में जो बाइडन द्वारा राष्‍ट्रपति शपथ लेने के बाद अमेरिकी रक्षा सचिव की जापान के समकक्ष से पहली बार फोन से वार्ता हुई है। इस वार्ता में अमेरिका ने अपना स्‍टैंड साफ कर दिया है कि वह ट्रंप नीतियों के पूरक है। ऑस्टिन ने  भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने में गठबंधन की भूमिका जारी रखने और इसके लिए जापान के योगदान को मजबूत करने के लिए उनकी सराहना की ।  बता दें कि सेनकाकुश द्वीप ईस्‍ट चाइना सी पर स्थित है। भौगोलिक रूप से यह ताइवान के निकट है। ईस्‍ट चाइना सी प्रशांत महासागर का एक हिस्‍सा है। चीन के पूरब में होने के कारण इसका नाम यह ईस्‍ट चीन सी पड़ा। सेनकाकुश द्वीप पर कोई आबादी नहीं रहती। यह निर्जन स्‍थान है। लेकिन सामरिक और व्‍यापारिक लिहाज से खासा महत्‍व रखता है। इसी लिए चीन की इस पर नजर है। 

 

किर्बी ने बताया कि किशी ने ऑस्टिन को रक्षा मंत्री बनने की बधाई दी। ऑस्टिन ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वलास से बातचीत की और दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों के महत्व को दोहराया। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच कोविड-19 महामारी से निपटने, चीन के बढ़ते प्रभाव और रूस की तरफ से पेश आ रहे खतरों से निपटने, इराक और अफगानिस्तान में अभियानों समेत कई आपसी हित वाले मुद्दों पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वुक से भी बातचीत की और दोनों ही देशों के बीच करीबी सहयोग की जरूरत पर जोर देते हुए प्रगाढ़ संबंधों का जिक्र किया। ऑस्टिन ने दक्षिण कोरिया की रक्षा करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धताओं को रेखांकित किया।

 

दोनों ही मंत्रियों ने कोरियाई प्रायद्वीप में रक्षा स्थितियों पर भी चर्चा की। वहीं ऑस्टिन ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार निर्देश देते हुए रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि वे उन्हें सेना में यौन हमले और यौन उत्पीड़न को रोकने से संबंधित कार्यक्रमों की रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर भेजें। इसके साथ ही वे यह भी बताएं कि यौन हमलों को रोकने में कौन से कार्यक्रम कारगर रहे और कौन से कार्यक्रम कारगर नहीं रहे। ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री के तौर पर अपने नाम की पुष्टि होने वाली सुनवाई के दौरान पिछले सप्ताह सीनेटरों से वादा किया था कि वह सेना में यौन हमले और यौन उत्पीड़न की समस्याओं से तत्काल निपटेंगे।

 


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Tanuja

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