अब रूस पर शिकंजा कसने की तैयारी में अमेरिका-ब्रिटेन, बाइडेन ने पुतिन को दी चेतावनी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 01, 2022 - 12:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  चीन के बाद अमेरिका-ब्रिटेन ने अब  रूस पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के साथ विपक्षी रिपब्लिकन सांसद भी रूस पर प्रतिबंधों का विधेयक तैयार करने में जुट गए हैं और ब्रिटेन ने भी ऐसा ही कदम उठाने की बात कही है। दरअसल,  यूक्रेन पर रूस के हमले की बढ़ती आशंका के बीच रूस पर प्रतिबंधों के वार की तैयारी भी तेज हो गई है। अमेरिका में रूस पर प्रतिबंधों का विधेयक इसी सप्ताह तैयार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही रूस की ओर से भी ऐसी ही जवाबी कार्रवाइयों की आशंका गहरा गई है।

 

अमेरिकी सीनेट में विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख डेमोक्रेट सांसद बाब मेननडेज ने कहा है कि युद्ध होता है तो यह रूस के खिलाफ और यूक्रेन के समर्थन में अमेरिकी संसद की सबसे मजबूत कार्रवाई होगी।  मेननडेज ने कहा है कि रूस के प्रमुख नेताओं, अधिकारियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। संसद में पेश होने के लिए इस आशय का मसौदा तैयार हो रहा है। उधर, ब्रिटेन के वित्त विभाग के मुख्य सचिव साइमन क्लार्क ने कहा है कि रूस अगर यूक्रेन पर हमला करता है तो हम रूसी सत्ता के नजदीकी लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएंगे। जवाब में रूसी राष्ट्रपति के क्रेमलिन कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि इस तरह के प्रतिबंधों से ब्रिटेन पर ही ज्यादा असर पड़ेगा, क्योंकि वहां की तमाम बड़ी कंपनियों में रूस के लोगों का भारी निवेश है।

 

इसके साथ ही रूस भी ब्रिटेन के खिलाफ प्रतिबंधों की जवाबी कार्रवाई करेगा। उल्लेखनीय है कि 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस और पूर्व सोवियत देशों के लोगों ने ब्रिटेन की कंपनियों में भारी निवेश कर रखा है और ब्रिटेन के शहरों में जायदाद खरीद रखी हैं। वैसे 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे के बाद से ब्रिटेन ने रूस के 180 लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने कहा है कि पहले हम कूटनीति के जरिये युद्ध छिड़ने से रोकने की कोशिश करेंगे, उसके बाद प्रतिबंध लगाएंगे। इससे पहले ट्रस यूक्रेन और रूस की यात्रा करेंगी, प्रयास करेंगी कि दोनों के बीच बना तनाव कम हो जाए। मतभेद बातचीत के जरिये खत्म हों।

 

इस बीच प्राकृतिक गैस के लिए यूरोप की रूस पर निर्भरता पर नाटो ने चिंता जताई है। पूरे यूरोप के लिए रूस सबसे बड़ा गैस आपूर्तिकर्ता है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बीच अगर रूस की गैस आपूर्ति बाधित होती है तो ठंडक के मौसम में यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था और जनजीवन को मुश्किल पैदा हो सकती है। रूस और यूक्रेन सीमा पर बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर कनाडा ने यूक्रेन में मौजूद अपने सैनिकों को डेनिपर नदी के किनारे सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। ये कनाडाई सैनिक यूक्रेन की सेना को प्रशिक्षित करने के लिए गए हैं। इस बीच कनाडा ने कीव स्थित अपने दूतावास को अतिरिक्त कर्मियों और परिवार के लोगों को वापस भेजने का निर्देश दिया है।
 


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Content Writer

Tanuja

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