यूक्रेन को हथियार मदद पर बड़ी बैठक में आएंगे 50 देश, पहली बार नदारद रहेगा अमेरिका
punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 06:04 PM (IST)

International Desk: रूस यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन की गोला-बारूद और हथियारों से मदद करने की रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए करीब 50 देशों के वरिष्ठ अधिकारी बुधवार को ब्रसेल्स में एकत्र होंगे। हालांकि, यह पहला ऐसा मौका होगा जब अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इसमें उपस्थित नहीं रहेंगे। नाटो मुख्यालय में यूक्रेन रक्षा संपर्क समूह की बैठक की अध्यक्षता ब्रिटेन और जर्मनी द्वारा की जाएगी। अमेरिकी रक्षामंत्री हेगसेथ इस बैठक के खत्म होने के बाद ब्रुसेल्स पहुंचेंगे। वह बृहस्पतिवार को नाटो रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
उनकी अनुपस्थिति उन कदमों की श्रृंखला में नवीनतम है, जो अमेरिका ने रूस के आक्रमण को रोकने के यूक्रेन के प्रयासों से खुद को दूर करने के लिए उठाए हैं। यूक्रेन और रूस के बीच 24 फरवरी, 2022 को युद्ध शुरू हुआ था। संयुक्त राष्ट्र के आकलन के मुताबिक अबतक इस युद्ध में यूक्रेन के 12,000 से अधिक नागरिक मारे गए हैं, साथ ही दोनों पक्षों के हजारों सैनिक भी हताहत हुए हैं। ब्रिटेन ने बुधवार की बैठक से पहले कहा कि वह यूक्रेन की मदद के लिए ड्रोन उत्पादन में दस गुना वृद्धि की योजना बना रहा है। इस युद्ध में ड्रोन निर्णायक हथियार बन गए हैं। दोनों देशों के बीच संघर्ष अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर गया है। ब्रिटिश रक्षामंत्री जॉन हेली ने कहा कि उनके देश की कंपनियां युद्ध के मैदान से सीखे गए सबक का उपयोग ‘‘यूक्रेन के नागरिकों की रक्षा करने तथा अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करने के उद्देश्य से उन्नत नए ड्रोन विकसित करने के लिए कर रही हैं।''
हेगसेथ के पूर्ववर्ती, लॉयड ऑस्टिन ने 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध थोपे जाने के बाद इस समूह का गठन किया था। उस वक्त से अबतक यूक्रेन के समर्थक देशों ने सामूहिक रूप से करीब 126 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार और सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें अमेरिका से अकेले 66.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता की है। अमेरिका ने जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अबतक यूक्रेन रक्षा संपर्क समूह की बैठक की अध्यक्षता नहीं की है। नाटो के यूरोपीय सहयोगियों को चिंता है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यूरोप से अपने सैनिकों को वापस बुला सकता है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को छोड़ने से ताइवान को लेकर चीन के साथ किसी भी संघर्ष को रोकने में अमेरिका की विश्वसनीयता खतरे में पड़ जाएगी।