खालिदा जिया की हालत बेहद नाज़ुक, ब्रिटेन से स्पेशल मेडिकल टीम ढाका रवाना
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 07:23 PM (IST)
Dhaka: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति के मद्देनजर ब्रिटेन से चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम बांग्लादेश आएगी, ताकि निजी अस्पताल में चल रहे उनके इलाज का मूल्यांकन किया जा सके। उनके निजी चिकित्सक ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एवरकेयर अस्पताल के बाहर एजेडएम जाहिद हुसैन ने पत्रकारों से कहा कि जिया के इलाज की निगरानी कर रहे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल बोर्ड में ब्रिटेन के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
हुसैन ने कहा, ‘‘ब्रिटेन के विशेषज्ञ आज (मंगलवार) उनकी जांच के लिए आएंगे।'' उन्होंने कहा कि भारत, चीन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब और पाकिस्तान ने भी अपनी चिकित्सा सहायता प्रदान की है। हुसैन ने कहा कि ब्रिटेन, अमेरिका और बांग्लादेश के चिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड जिया के स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है। मेडिकल बोर्ड के प्रमुख डॉ. शहाबुद्दीन तालुकदार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पांच-सदस्यीय चीनी टीम सोमवार को यहां पहुंची और मेडिकल बोर्ड से मुलाकात की। हुसैन ने दोहराया कि ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी' (बीएनपी) अध्यक्ष खालिद जिया (80) को इस समय विदेश ले जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी तैयारियां कर ली हैं, लेकिन ध्यान रखने योग्य सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मरीज की वर्तमान स्थिति क्या है और इस समय हम मेडिकल बोर्ड की सिफारिशों से इतर कुछ भी नहीं कर सकते।''
खालिदा जिया को हृदय और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद 23 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार दिन बाद, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने पर उन्हें ‘कोरोनरी केयर यूनिट' (सीसीयू) में भर्ती किया गया। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। बीएनपी के उपाध्यक्ष एडवोकेट अहमद आजम खान ने सोमवार को बताया कि जिया की हालत और बिगड़ने पर रविवार रात उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया। इस बीच, मंगलवार तड़के अस्पताल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई। पुलिस ने रात करीब दो बजे एवरकेयर अस्पताल के मुख्य द्वार पर अवरोधक लगा दिए और रोगियों के आने-जाने के नियमन और सुरक्षा बंदोबस्त सुनिश्चित करने के लिए 24 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। अंतरिम सरकार द्वारा सोमवार को जिया को ‘अति महत्वपूर्ण व्यक्ति' (वीआईपी) घोषित करने के फ़ैसले के बाद सुरक्षा कड़ी की गई और विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) तैनात किये गये।
