भारत से ज्यादा UAE कर रहा रूस की मदद, ट्रंप खामोश

punjabkesari.in Thursday, Aug 07, 2025 - 10:26 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से कच्चा तेल आयात करने का आरोप लगा कर 50 प्रतिशत टेरिफ लगा दिया लेकिन संयुक्त अरब अमीरात और रूस के मध्य यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद व्यापार में भारी बढ़ोतरी हुई है और यूएई द्वारा रूस की लगातार मदद किए जाने के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप आंखें मूंदे बैठे हैं।

अमरीका के अपने बिजनेस चैनल सी एन बी सी ने गुरूवार को जारी एक रिपोर्ट में इस रवैये पर सवाल उठाए हैं। रूस के व्यापार मंत्रालय के अनुसार, 2022 में रूस-यूएई व्यापार 68% बढ़कर 9 अरब डॉलर तक पहुंच गया। दोनों देशों के मध्य बढ़ रहे द्विपक्षीय व्यापार के बीच यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान ने गुरुवार को रूसी रष्ट्रपति पुतिन के साथ बातचीत में कहा कि "रूस और यूएई के बीच व्यापार 11.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और , "हम चाहते हैं कि यह आंकड़ा द्विपक्षीय स्तर पर और यूरेशियन देशों के साथ अगले पांच वर्षों में दोगुना हो जाए।" उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के संबंध “तेज़ी से विकसित हो रहे हैं।”रूस और यूएई ने 2018 में एक रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे और तब से उनके नेताओं के बीच कई बार मुलाकातें हो चुकी हैं।

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यूएई की सरकारी समाचार एजेंसी डब्ल्यू ए के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों की “रणनीतिक साझेदारी” पर केंद्रित है और "आर्थिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के उपायों" के साथ-साथ "साझा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों" पर बातचीत के लिए की गई है। यूएई लंबे समय से अमेरिका का करीबी सहयोगी और एक प्रमुख सैन्य व खुफिया साझेदार रहा है।


यूएई  में काम कर रही हैं 4000 रूसी कंपनियां 

यूएई ने यूक्रेन युद्ध पर आधिकारिक रूप से किसी का पक्ष नहीं लिया है। उसने शांति और संघर्ष समाप्त करने की अपील की है। साथ ही उसने रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों में भी हिस्सा नहीं लिया है। यूएई  मध्य पूर्व में रूस का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार भी बन गया है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार में भारी बढ़ोतरी हुई है।यूएई ने रूसी अरबपतियों और सैनिक भर्ती से भागे रूसी नागरिकों को शरण दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएई में लगभग 4,000 रूसी कंपनियां काम कर रही हैं और दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 

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मिडल ईस्ट में अमरीका का अहम साझेदार बना यूएई 

ट्रंप ने हाल ही में भारत पर रूसी तेल आयात को लेकर दंडात्मक शुल्क लगाए हैं और कहा है कि यह "रूस की युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है लेकिन अमेरिका ने अभी तक यूएई को भारत की तरह दंडित नहीं किया है। इसका एक कारण यह भी है कि अबू धाबी ने रूस और पश्चिमी शक्तियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। यूएई ने विरोधी पक्षों के बीच संचार को सुगम बनाया है और रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक 4,181 कैदियों की अदला-बदली करवाई है। यूएई की अमेरिका के साथ व्यापारिक साझेदारी भी मजबूत है। अमेरिका की एआई और टेक कंपनियों में अबू धाबी का निवेश लगातार बढ़ रहा है। ट्रंप की मई में खाड़ी यात्रा के दौरान अमेरिका और यूएई के बीच कई बड़े समझौते हुए। मार्च 2025 में अबू धाबी ने अमेरिका में 10 वर्षों के लिए 1.4 ट्रिलियन डॉलर के निवेश ढांचे की घोषणा की।


 यूएई ‘रूस के युद्ध को ईंधन देता है

अमेरिका ने पहले भी यूएई पर रूस के आयात में मदद करने को लेकर नाराजगी जताई है। 2023 में बाइडेन प्रशासन ने यूएई को एक "फोकस देश" कहा था जो रूस पर प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रण को दरकिनार करने में मदद कर रहा है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, 2022 की दूसरी छमाही में यूएई की कंपनियों ने अमेरिका से रूस को 50 लाख डॉलर से अधिक के एक्सपोर्ट-कंट्रोल्ड सामान भेजे, जिनमें हथियारों को शक्ति देने वाले सेमीकंडक्टर्स भी शामिल थे। बोरशचेवस्काया ने कहा, “यूएई दोहरे उपयोग वाले व्यापार को सुविधाजनक बनाता है। यह एक प्रमुख ट्रांजिट हब है, जिससे यह व्यापार रूस के युद्ध को ईंधन देता है।” यूएई के विदेश मंत्रालय ने इस पर अमरीकी चैनल सी एन बी सी  की टिप्पणी के अनुरोध का तत्काल कोई उत्तर नहीं दिया।

यूएई सिर्फ अपने हित देखेगा”: माइकल रुबिन

अमेरिकी रक्षा विभाग में रह चुके माइकल रुबिन ने कहा कि “यूएई अब बड़े गठबंधनों या दबाव अभियानों का हिस्सा बनने में दिलचस्पी नहीं रखता; वह अपनी नीति सिर्फ अपने संकीर्ण और स्पष्ट राष्ट्रीय हितों पर आधारित बनाएगा और दूसरों को प्रतिबंधों, दबावों और महाशक्ति प्रतिस्पर्धा में समय बर्बाद करने देगा।”उन्होंने कहा, “एमबीजेड वही करेगा जो यूएई के लिए सही होगा और वह अमेरिका, चीन या रूस में से किसी एक की टोकरी में अपने सारे अंडे नहीं डालेगा।”


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Content Writer

Pardeep

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