28 सालों से दुनिया से अलग-थलग पड़ा ये देश, भारतीय फिल्मों के क्रेजी हैं लोग

punjabkesari.in Monday, May 06, 2019 - 10:07 AM (IST)

 

इंटरनेशनल डेस्कः वैश्वीकरण के चले जहां दुनिया के देश एक दूसरे के साथ संबंधों को बढ़ा रहे हैं एक देश ऐसा है जो पिछले 28 सालों से दुनिया से अलग-थलग पड़ा है। वो देश है मध्य एशिया का तुर्कमेनिस्तान। तु लोग इस देश को तुर्कमेनिया के नाम से भी जानते हैं। 1991 तक यह सोवियत संघ का एक घटक गणतंत्र था। इस देश के नागरिकों को खुलकर बोलने और घूमने की आजादी नहीं है। इस देश की जनसंख्या लगभग 50 लाख है।

1991 में सोवियत यूनियन से अलग होने के बाद सपरमारुत नियाजोव ने यहां की सत्ता संभाली। अपने कार्यकाल में नियाजोव एक तानाशाह की तरह उभरे। यहां के नागरिकों को अपने कुछ एक अधिकारों तक के लिए संघर्ष करना पड़ता है। लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने और खुलकर बोलने की आजादी भी नहीं है। इस देश में मीडिया तो दूर फोटोग्राफी करने की भी मनाही है। यहां पर राष्ट्रपति के पोस्टर हर जगह पर लगे हुए दिखाई देते हैं। अलग-थलग होने के बाद भी तुर्कमेनिस्तान दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

इस देश की खास बात यह है कि यहां लोगों को मुफ्त प्राकृतिक गैस समेत तमाम सुविधाएं मिलती हैं। हालांकि, अपने नागरिकों को कानूनी रूप से सीमित अधिकार देने को लेकर इस देश को हमेशा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। तानाशाह होने के बावजूद देश में नियाजोव ने अच्छा काम किया, तभी 1994 में देश के 99.9 फीसदी लोगों ने उनका कार्यकाल 10 साल करने के लिए वोट किया था।

यहां रहने वाले 67 फीसदी लोग तुर्किश हैं। ये लोग मुख्यत: कृषि कार्य में संलग्न रहते हैं। इस देश में भारतीय फिल्मों का काफी क्रेज है। यहां के लोग हिंदी फिल्मों के गाने भी गाते हैं। बच्चों को हिंदी भी पढ़ाई जाती है। जब भारती के प्रधानमंत्री की तुर्कमेनिस्तान यात्रा पर गए थे तो वहां के बच्चों ने पीएम को हिंदी गीत सुनाए थे।


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Tanuja

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