ट्रंप ने यूक्रेन को लेकर तीन साल पुरानी नीति पलटी, बोले- पुतिन युद्ध समाप्ति के लिए बातचीत को सहमत
punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 11:58 AM (IST)
Washington: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) ने यूक्रेन को लेकर वाशिंगटन की तीन साल पुरानी नीति को पलटते हुए बुधवार को कहा कि वह और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)कैदियों की अदला-बदली के बाद युद्ध की समाप्ति के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पुतिन से फोन पर हुई लंबी बातचीत का जिक्र किया और कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए “साथ मिलकर, बहुत निकटता से काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह पुतिन से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करेंगे, संभवत: एक-दूसरे के देश में।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बातचीत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की शामिल होंगे या नहीं। हालांकि, ट्रंप ने बुधवार को जेलेंस्की से भी फोन पर बातचीत की और यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार दमित्रो लित्विन ने इसे “अच्छी बातचीत” करार दिया। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूस-यूक्रेन मामलों के लिए ट्रंप के विशेष दूत सेवानिवृत्त जनरल कीथ केलॉग वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस सप्ताहांत जर्मनी में होंगे। इस सम्मेलन में जेलेंस्की भी शिरकत करेंगे। हालांकि, अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने यूक्रेन की उम्मीदों को झटका देते हुए बुधवार को ब्रसेल्स में नाटो मुख्यालय के अपने दौरे के दौरान कहा कि यूक्रेन के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की सदस्यता की उम्मीद अव्यावहारिक थी।
हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन के लिए किसी भी सुरक्षा गारंटी की जिम्मेदारी यूरोपीय देशों को उठानी होगी। हेगसेथ ने नाटो और यूक्रेन रक्षा संपर्क समूह के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान ये टिप्पणियां कीं। वह इन दोनों गठबंधनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने वाले ट्रंप प्रशासन के पहले सदस्य हैं। सहयोगी देश यह जानने को उत्सुक हैं कि वाशिंगटन आने वाले समय में यूक्रेन को कितनी सैन्य एवं वित्तीय सहायता मुहैया कराने का इच्छुक है। हेगसेथ ने उनसे कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि यूक्रेन को अधिकांश सैन्य एवं वित्तीय सहायता देने का जिम्मा यूरोपीय देश संभालें, एक संभावित शांतिरक्षक बल की तैनाती की जाए जिसमें अमेरिकी सैनिक शामिल न हों। उन्होंने कहा कि संभावित शांतिरक्षक बल के इन सैनिकों का अगर रूसी सेना से आमना सामना होता है, तो उन्हें अनुच्छेद पांच के तहत सुरक्षा न प्रदान की जाए। अनुच्छेद पांच के तहत अमेरिका या नाटो के 31 अन्य देशों को उन सैनिकों की सहायता के लिए आगे आना होगा।