ट्रंप ने ईरान को दी 14 दिन की मोहलत, ‘ट्रिक ऑर टैको’ प्लान के दिए संकेत! हिल जाएगी वैश्विक इकोनॉमी
punjabkesari.in Saturday, Jun 21, 2025 - 07:14 PM (IST)

Washington: इजराइल-ईरान युद्ध के नौवें दिन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अचानक गर्मी तब और बढ़ गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को 14 दिन की मोहलत दे दी। यह मोहलत इस बात पर निर्भर करेगी कि ईरान आगे बातचीत के लिए तैयार होता है या नहीं। लेकिन ट्रंप की इस घोषणा के पीछे जो रहस्यमयी शब्द सामने आया है "टैको प्लान" ने रणनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
क्या है ट्रंप का ‘टैको प्लान’?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, "टैको प्लान" वास्तव में ट्रंप की एक मनोवैज्ञानिक रणनीति है।"Trick Or TAC-O" यानी "भ्रम या दबाव से ऑपरेशन"। इसका उद्देश्य है दुश्मन को बातचीत या सैन्य दबाव में लाकर कूटनीतिक बढ़त बनाना। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप फिलहाल प्रत्यक्ष युद्ध में कूदने से पहले 14 दिन का रणनीतिक समय ले रहे हैं ताकि अमेरिका क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत (जैसे दूसरा विमानवाहक पोत) को मज़बूती से तैनात कर सके।
ट्रंप बोले-“जो जीत रहा उसे रोकना मुश्किल”
ट्रंप ने इजराइल के हमले रोकने की किसी भी अपील को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- “जो पक्ष जीत रहा है, उसे रोकना बहुत कठिन होता है। इजराइल फिलहाल बढ़त में है।” ट्रंप का मानना है कि ईरान फिलहाल केवल अमेरिका से बात करना चाहता है न कि यूरोपीय मध्यस्थों से। उनका यह बयान तब आया जब इजराइल ने दावा किया कि उसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को दो साल पीछे धकेल दिया है।
अमेरिका का दखल लाएगा वैश्विक संकट
विशेषज्ञ मानते हैं कि मध्य पूर्व की इस आग में अमेरिका का उतरना, एक विश्वव्यापी ऊर्जा संकट को जन्म दे सकता है।अगर अमेरिका इस युद्ध में सीधे उतरता है तो इसके वैश्विक परिणाम गंभीर हो सकते हैं:
- तेल के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं
- वैश्विक शेयर बाजार अस्थिर हो सकते हैं
- कमोडिटी मार्केट में उथल-पुथल
- सोने और चांदी की कीमतें आसमान छू सकती हैं
ईरान की चेतावनी
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने साफ किया है कि जब तक इजराइल के हमले नहीं रुकते, तब तक अमेरिका से कोई वार्ता संभव नहीं है। उन्होंने यह बयान जिनेवा में बेनतीजा रही शांति वार्ता के बाद दिया।
‘टैको प्लान’-रणनीति या महायुद्ध की तैयारी?
क्या ट्रंप इस 14 दिन की मोहलत का इस्तेमाल युद्ध से बचने के लिए करेंगे?
या फिर यह सिर्फ एक दबाव की नीति है ताकि ईरान खुद झुक जाए?
या अमेरिका वास्तव में युद्ध में उतरने की अंतिम तैयारी कर रहा है?