ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में दुकानों से चोरियां व लूटपाट, सालाना 72 हजार करोड़ की चपत

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2023 - 06:07 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: बेकाबू होती महंगाई से कई देशों में आम लोगों की कमर टूट रही है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में तो लोगों को रोजाना की जरूरतों में कटौती करनी पड़ी रही है। महंगाई के चलते अपराध भी बढ़ने लगा है। किराना और खाने-पीने की सामग्री बेचने वाले स्टोर्स में चोरियां बढ़ गई हैं। कुछ इलाकों में तो इसने संगठित अपराध का रूप ले लिया है। कुल मिलाकर हालात अराजक होते जा रहे हैं। खुदरा कारोबारी संगठनों के मुताबिक दोनों देशों में एक साल में लूटपाट, संगठित अपराधियों की सेंधमारी से 72 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी ग्रॉसरी चैन नॉर्थ आइलैंड को फूडस्टफ्स ने अगस्त में फुटेज जारी किए थे। इसमें लोग बगैर शर्म के चोरियाँ करते दिखे।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये घटनाएं लोगों की बढ़ती महंगाई के कारण हताशा भी उजागर करती हैं। ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के सर्वे के अनुसार, करीब 30% लोगों को आय से गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका में संचालित क्राइम इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ऑरेर के सह संस्थापक और सीईओ फिल थॉमसन का कहना है कि स्टोर्स में ग्राहकों की संख्या की घटने के साथ संगठित अपराधियों को खाद्य सामान और अन्य घरेलू चीजों की चोरी के मौके बढ़े हैं। सितंबर में पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, न्यूजीलैंड में दुकान और रिटेल स्टोर्स में 2021 की तुलना में 2022 में चोरियां 45% वह गई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में जून में रिटेल स्टोर्स से चोरी की दर बीते साल से 47.5% अधिक थी।

फिलाडेल्फिया में अपराधियों ने एपल स्टोर पर धावा बोला
अमेरिका के फिलाडेल्फिया के एक स्टोर में अपराधियों ने लूटपाट को अंजाम दिया है। वहां सेंटर सिटी में मंगलवार शाम गैंग ने कई दुकानों में दंगों के वक्त होने वाली लूटपाट की तरह वारदात को साथ ही फुट लॉकर पर सुरक्षा गार्ड्स के साथ मारपीट की लूटपाट के शिकार स्टोर में एपल स्टोर भी शामिल है। घटना से जुड़ा बीडियो भी सामने आया है, जिसमें युवा नकाबपोश पुरुष और महिलाएं जबरन दुकानों में घुसते दिखीं। उनके हाथ जो कुछ भी लगा, वह लूटकर ले गए।

उपायः अब ऑरिजनल आइटम दिखाने से बचने लगे स्टोर्स
ऑस्ट्रेलिया में सेल्फ चेकआउट बंद किया जा रहा है। स्टोर्स स्वचालित गेट, फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे है, ताकि पूर्व में चोरी कर चुके व्यक्ति का स्टोर में घुसते ही पता लग जाए। अमेरिका में लूटपाट से निपटने के लिए स्टोर्स पर सशस्त्र गार्ड्स को तैनात किया गया है। ब्रिटेन में स्टोर्स डमी उत्पादों को दिखाते हैं। मतलब ग्राहकों को वास्तविक आइटम नहीं दिखाए जा रहे हैं। इससे लैपटॉप, मोबाइल जैसी चीजों की बेरी रोकी जा सके।

चोरी ही पेशा बना, ऑर्डर लेकर चोरी 
जो चोरियाँ हो रही है, उन्हें अंजाम देने वाले अधिकांश वे लोग हैं जिन्होंने इस अपराध को ही पेशा बना लिया है। लगभग 10% लोग 60% अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। वे ऑर्डर लेकर चोरी कर रहे हैं। चोरी का सामान भी बेच रहे हैं। स्टोर्स में लूटपाट, चोरी की घटनाएं अमेरिका में भी ही रही है। कैलिफोर्निया में तो अपराधी गैंग बनाकर महंगी चीजें बेचने वाले मॉल और स्टोर्स पर धावा बोल रहे हैं। ब्रिटेन में भी संगठित अपराधी महंगी चीजों पर हाथ साफ कर रहे हैं। वहां चेरियां रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं। फुलस्टाप नीचे के है। सीइओ क्रिस क्विन का कहना है कि जुलाई तक तीन महीनों में हमारे 320 चेन स्टोर्स में 59 प्रतिशत आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं चोरियों रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में कई व्यवसाय सुरक्षा बढ़ा रहे है। खासकर चेकआउट, कैश काउंटर और पार्किंग एरिया में गाड़ों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके अलावा टेक्नोलॉजी की मदद ली जा सकती है। 


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Content Editor

rajesh kumar

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