दुनिया की सबसे बेहतरीन Qatar Airlines मुसीबत में, वजह जान चौंक जाएंगे आप

punjabkesari.in Thursday, Jul 24, 2025 - 11:11 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः विश्व की प्रतिष्ठित एयरलाइनों में शुमार कतर एयरवेज एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी विवाद में उलझ गई है। यह मामला अक्टूबर 2020 का है, जब दोहा के हमाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं को बिना पूर्व जानकारी और अनुमति के विमान से उतारकर उनकी जबरन शारीरिक जांच की गई।

जांच का उद्देश्य एक लावारिस नवजात शिशु की माँ को खोजना था, जो हवाई अड्डे के वॉशरूम में एक प्लास्टिक बैग में गंभीर अवस्था में पाया गया था। शिशु को समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया गया था, लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, उसने मानवाधिकारों की वैश्विक बहस को जन्म दे दिया।

क्या हुआ था उस रात?

ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं के अनुसार, कतर की सुरक्षा एजेंसियों ने उन्हें विमान से उतारकर बिना किसी लिखित सहमति के और बिना महिला डॉक्टर की उपस्थिति में उनकी आंतरिक तलाशी ली। इनमें से कई महिलाएं इस घटना के बाद भावनात्मक और मानसिक आघात का शिकार हुईं और कुछ ने पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के लक्षण भी बताए।

घटना के बाद, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और इसे "बेहद अस्वीकार्य" और "गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन" करार दिया था।

महिलाओं ने दर्ज किया केस

अब चार पीड़ित महिलाओं ने ऑस्ट्रेलिया की एक संघीय अदालत में कतर एयरवेज, हमाद एयरपोर्ट अथॉरिटी और कतर सरकार के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। उन्होंने अपने साथ हुई घटना को झूठी कैद, यौन उत्पीड़न और शारीरिक हमला करार दिया है। उनके वकीलों का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन है।

कतर सरकार और एयरलाइंस की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद, कतर की सरकार ने एक सार्वजनिक माफीनामा जारी किया था और शिशु की माँ को ढूँढ़ निकालने के बाद उसे गिरफ्तार भी किया गया। कतर के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होगी। हालांकि, एयरलाइन ने अब तक इस केस पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है।

कानूनी और कूटनीतिक असर

यह मामला अब ऑस्ट्रेलिया और कतर के द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ एयरलाइन इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा, यात्री अधिकार और निजता को लेकर वैश्विक बहस छेड़ रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में आपात स्थितियों के दौरान, यात्रियों के अधिकारों और गरिमा की किस हद तक रक्षा की जाती है।

क्या आगे होगा?

अदालत में मुकदमा लंबा चल सकता है, लेकिन इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एयरलाइन नीतियों, हवाई अड्डा सुरक्षा प्रक्रियाओं और महिला यात्रियों की गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यदि पीड़ित महिलाओं को न्याय मिलता है, तो यह भविष्य में ऐसी नीतियों को बदलने में एक निर्णायक क्षण हो सकता है।


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Content Writer

Pardeep

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