अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता पर ट्रंप को झटका, कोर्ट बोला- अधिकार छीनना संविधान के खिलाफ
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 05:52 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक विवादित आदेश, जो कुछ नवजात बच्चों को जन्म के बाद अमेरिकी नागरिकता देने से रोकता था, अब रोक दिया गया है। न्यू हैम्पशायर के एक संघीय न्यायाधीश जोसेफ लैप्लांटे ने इस आदेश को देशभर में लागू होने से पहले ही ब्लॉक कर दिया है। यह फैसला ट्रंप के आदेश के 27 जुलाई से लागू होने से ठीक पहले आया है।
क्या था ट्रंप का आदेश?
ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) जारी किया था जिसमें कहा गया कि अगर कोई बच्चा अवैध प्रवासियों या अस्थायी वीजा पर आए लोगों (जैसे स्टूडेंट या टूरिस्ट) के यहां जन्म लेता है, तो उसे अमेरिकी नागरिकता नहीं दी जाएगी।
उन्होंने 14वें संविधान संशोधन (14th Amendment) में लिखे गए शब्द "subject to the jurisdiction thereof" की नई व्याख्या करते हुए कहा कि यह ऐसे बच्चों पर लागू नहीं होता।
जज ने क्या कहा?
न्यायाधीश लैप्लांटे ने कहा कि किसी नवजात को नागरिकता न देना "अत्यधिक नुकसानदायक" है और अमेरिकी नागरिकता को उन्होंने "दुनिया का सबसे बड़ा विशेषाधिकार" बताया। उन्होंने इस फैसले पर 7 दिन की रोक (pause) लगाई है ताकि ट्रंप प्रशासन अपील कर सके।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद आदेश कैसे रोका गया?
हाल ही में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के लिए ये तय किया था कि वे "nationwide injunctions" नहीं दे सकतीं – यानी ऐसा आदेश जिससे पूरे देश में किसी कानून को रोका जा सके। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने class action lawsuits की इजाजत दी है – यानी ऐसे मुकदमे जो बड़ी संख्या में लोगों को एक साथ प्रतिनिधित्व करते हैं। इसका फायदा उठाते हुए, ACLU (American Civil Liberties Union) ने तुरंत एक class action याचिका दायर की। यह मुकदमा उन 150,000 से ज्यादा बच्चों के लिए था जो हर साल अमेरिका में पैदा होते हैं और जिनका नागरिकता मिलना इस आदेश से रुक जाता।
सरकार का विरोध और कोर्ट का जवाब
न्याय विभाग (Justice Department) ने कहा कि इस मामले के माता-पिता की स्थितियाँ अलग-अलग हैं, इसलिए ये एक क्लास एक्शन नहीं बन सकता। लेकिन जज लैप्लांटे ने कहा कि हालात "अत्यंत जरूरी" हैं और उन्होंने कहा कि इस स्तर पर लंबी जांच (discovery) की ज़रूरत नहीं है। ध्यान देने वाली बात ये है कि जज लैप्लांटे खुद एक रिपब्लिकन राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए गए थे, फिर भी उन्होंने ट्रंप के आदेश को रोका।