क्या नकली है लियोनार्डो की सबसे महंगी बिकने वाली पेंटिंग?

punjabkesari.in Friday, Nov 24, 2017 - 04:12 PM (IST)

न्यूयॉर्क: करीब 500 साल पहले लियोनार्डो दा विंची ने "सल्वाटोर मुंडी" पेंटिंग बनाई जो हाल ही में 15 नंवबर 2017 को  45.03 करोड़ डॉलर यानी लगभग 3 हजार करोड़ में खरीदा गया। नीलामी करने वाली संस्था क्रिस्टी ने बताया कि ‘साल्वाटर मुंड’ अर्थात ‘सेवियर ऑफ द वर्ल्ड’ पेंटिंग में ईसा मसीह को चित्रित किया गया है। वहीं इस पेंटिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कई लोगों ने इसे फर्जी पेंटिंग भी करार दिया है। कुछ लोग इस पेटिंग को मोनालिसा का पुरुष रूप बता रहे हैं तो कुछ इसके काफी साल पुरानी होने पर आशंका जता रहे हैं। कई चित्रकारों ने तो इसे लियोनार्डो दा विंची की कल्पना बतक कह दिया। पेंटिंग की नीलामी के बाद से ही पेंटिंग्स का कारोबार करने वालों ने इस पर अपनी अलग-अलग राय दी। न्यूयॉर्क पत्रिका के जैरी सल्ट्ज ने लिखा है कि हालांकि "वह किसी भी कला इतिहासकार या पुराने पेटिंग्स के विशेषज्ञ नहीं है", "लेकिन इस पेंटिंग को एक नजर में देखकर मैं कह सकता हूं कि यह लियोनार्डो की नहीं है।
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जानिए क्या कहना है आलोचकों का
-न्यूयॉर्क पत्रिका के जैरी सल्ट्ज ने लिखा है कि हालांकि "वह किसी भी कला इतिहासकार या पुराने पेटिंग्स के विशेषज्ञ नहीं है", "लेकिन इस पेंटिंग को एक नजर में देखकर मैं कह सकता हूं कि यह लियोनार्डो की नहीं है।

-पेंटिंग बिकने के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स में एक आलोचक जेसन फ़ाएगो ने कहा कि वह इस पेटिंग की आलोचना नहीं कर रहे हैं और न ही इसके धार्मिक होने पर सवाल कर रहा हूं लेकिन 16वीं शताब्दी के लियोनार्डो की कही जाने वाली पेंटिंग की पुष्टि अस्वीकार है। इसमे कोई शक नहीं कि पेटिंग को बड़े अच्छे तरीके से बनाया गया है लेकिन इसकी सत्यता पर संशय है।

-ब्रिटिश के पुराने पेंटिंग्स डीलर चार्ल्स बेडिंग्टन के मुताबिक पेंटिंग को देखकर सभी को यही लग रहा है कि यह लियोनार्डो की है लेकिन जहां तक मेरा अनुभव है, मुझे ऐसा नहीं लगता। लेकिन इस पेंटिंग के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है क्योंकि यह एक आकर्षित चित्र है।

-कुछ आलोचकों ने यह भी सवाल उठाए कि अगर यह पेंटिंग पुरानी है तो लियोनार्डो इसे इटली से इग्लैंड कैसे लाए। क्या वे इसे घोड़े के पीछे रखकर, बोट के जरिए या बैलगाड़ी पर रख कर लाए। और उस समय में उन्हें कितने वर्ष लगे इस पेंटिंग को इटली से इग्लैंड लाने में। क्योंकि पेंटिंग की हालत देखकर नहीं लगता कि इसे कुछ भी नुकसान पहुंचा या फिर इसकी चमक में कोई फर्क पड़ा है।

-कुछ का कहना है कि हो सकता है कि पेंटिंग लियोनार्डो की हो लेकिन इसे पूरी तरह से असली नहीं कहा जा सकता। हो सकता है कि पेंटिंग में कुछ बदलाव किए गए हों।

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पेंटिंग के पीछे की कहानी
इस पेंटिंग का इतिहास बड़ा उलझा सा है. कभी यह फ्रांस के राजा लुई 12वें के पास थी. फिर यह इंग्लैंड के राजपरिवार तक पहुंची. इसके बाद काफी समय तक इसका कोई अता पता नहीं चला। सन 1958 में एक इंग्लिश कलेक्टर ने इसे 45 पाउंड में बेच दिया. पेंटिंग इसके बाद फिर लापता हो गई और 2005 में इसे अमेरिका के आर्ट डीलर्स ने 10,000 डॉलर से भी कम दाम में खरीदा। बता दें कि मोनालिसा और द लास्ट सपर जैसी मशहूर पेंटिंग्स बनाने वाले दा विंची की आज दुनिया भर में 20 से भी कम ओरिजनल पेंटिंग्स बची हैं।

बता दें कि लियोनार्डो डा विन्ची की इस पेंटिंग ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह दुनिया में किसी भी नीलामी में लगाई गई किसी भी कलाकृति के लिए सबसे बड़ी कीमत है। सलवाटॉर मुंडी नाम की जीसस क्राइस्ट की इस पेंटिंग ने नीलामी में पुराने सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए। इससे पहले पाब्लो पिकासो की वुमेन ऑफ अल्जीयर्स सबसे महंगी पेंटिंग थी जो लगभग 180 मिलियन डॉलर यानी 1100 करोड़ में नीलाम हुई थी। नीलामी में कुल 6 लोगों ने हिस्सा लिया था हालांकि सबसे बड़ी बोली लगाने वाले के बारे में संस्था की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई।


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