पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण का बनाया बड़ा प्लान, रूस व उत्तर कोरिया के 50 हजार सैनिक हमले को तैयार
punjabkesari.in Monday, Nov 11, 2024 - 05:50 PM (IST)
International Desk: रूस और उत्तर कोरिया के बीच सहयोग बढ़ता जा रहा है, जिससे यूक्रेन पर एक बड़े हमले की योजना पर काम किया जा रहा है। इस गठबंधन के तहत, लगभग 50,000 सैनिकों के भाग लेने की संभावना जताई जा रही है। यूक्रेनी कमांडर के अनुसार, उत्तर कोरियाई सैनिक कुर्स्क क्षेत्र में प्रत्यक्ष युद्ध अभियानों में भाग ले रहे हैं। रूसी सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सैन्य ठिकानों पर हमले की योजना बनाई है। रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर कोरियाई सैनिक कुर्स्क के साथ-साथ बेलगोरोड और रूस के क्षेत्र में भी रक्षात्मक अभियानों में सक्रिय हैं। यह स्थिति युद्ध की अगली लहर का संकेत दे रही है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बताया है कि लगभग 11,000 उत्तर कोरियाई सैनिक रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात हैं, जहाँ पिछले तीन महीनों से यूक्रेन के सैनिकों की घुसपैठ रुक गई थी। जेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों से अपील की है कि वे उत्तर कोरियाई सैनिकों के संभावित हमलों से पहले तैयारी करें। जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि कीव सरकार को उन शिविरों का पता है जहाँ उत्तर कोरियाई सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन उनके खिलाफ हमले की योजना बना सकता है, बशर्ते कि आवश्यक जानकारी और समर्थन प्राप्त हो।
जेलेंस्की ने यह भी स्पष्ट किया है कि यूक्रेन रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पश्चिमी देशों में निर्मित लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग नहीं कर सकता, जब तक कि उन्हें अपने सहयोगियों की स्वीकृति नहीं मिल जाती। इस समय अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों की नजरें इस बढ़ते संकट पर हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हाल ही में जानकारी दी थी कि लगभग 8,000 उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन की सीमा के पास रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात हैं। ये सैनिक यूक्रेनी सैन्य कार्रवाई में क्रेमलिन की मदद के लिए तैयार हो सकते हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बता दें कि रूस और उत्तर कोरिया का यह सैन्य संबंध और यूक्रेन पर संभावित बड़े हमले की तैयारी वैश्विक सुरक्षा के लिए एक नई चुनौती बनती जा रही है। यह स्थिति न केवल क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तनाव को बढ़ा रही है।