भूख-प्यास से तड़पे, 2 घंटे पथरीले रास्तों पर चले...पाकिस्तान ट्रेन हाइजैक के बंधकों ने बयां किया बेहद डरावना मंजर
punjabkesari.in Thursday, Mar 13, 2025 - 12:18 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. बीते दिनों पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। यह ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी। इस ट्रेन में 425 यात्री सवार थे और इसे बलूचिस्तान के बोलान दर्रे के एक दुर्गम इलाके में हाईजैक किया गया, जहां चारों ओर सिर्फ पत्थर थे। ट्रेन करीब 32 घंटे तक बलूच लड़ाकों के कब्जे में रही। पाकिस्तान सरकार ने दावा किया कि बुधवार रात हमलावरों से ट्रेन को छुड़ा लिया गया और 33 बलूच लड़ाकों को मारकर सभी बंधकों को रिहा कर लिया गया।
हालांकि, बलूच लड़ाकों ने इस दावे को झुठलाया और कहा कि उन्होंने 100 बंधकों को मार डाला है और 154 बंधक अभी भी उनके कब्जे में हैं। उनका कहना था कि उनका उद्देश्य सिर्फ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के जवानों को बंधक बनाना था, जबकि आम नागरिकों को ट्रेन हाईजैक करने के बाद ही छोड़ दिया गया था। इन नागरिकों ने 2 घंटे पैदल चलकर बलूचिस्तान के पनीर और मच रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के बाद मालगाड़ी से अपने घरों की ओर रुख किया। इस दौरान कई यात्री घायल हुए और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उन्होंने मीडिया से अपनी आपबीती साझा की। आइए जानते हैं कि बलूच लड़ाकों ने बंधकों के साथ कैसा व्यवहार किया।
2 घंटे पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचे बंधक
ट्रेन हाईजैक के बंधकों ने मीडिया को बताया कि अचानक ट्रेन में झटके महसूस हुए और ट्रेन रुक गई, जब वे बाहर निकले, तो देखा कि इंजन पटरी से उतर चुका था। तभी नकाबपोश लोग हथियारों के साथ ट्रेन की ओर आ रहे थे और उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दी। यह देखकर बंधकों को लगा कि मौत सामने आ गई है। हमलावर ट्रेन में चढ़कर यात्रियों के पहचान पत्र चेक करने लगे। एक यात्री नूर मोहम्मद ने बताया कि अचानक जोरदार धमाका हुआ और गोलीबारी शुरू हो गई। जान बचाने के लिए कुछ लोग ट्रेन से कूदने लगे, लेकिन हमलावरों ने उन्हें धमकी देकर वापस बुला लिया।
Baloch Rebels are much more better than Pakistanis🙏
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) March 12, 2025
Women and children were provided safe passage and taken to Quetta instead of making Prisoners of War or S*x Slave.#TrainHijack pic.twitter.com/XdwNp8g5eq
एक महिला ने बताया कि हम ट्रेन के अंदर बैठे थे, अचानक धमाका हुआ। कुछ लोगों को ट्रेन से बाहर निकलने को कहा और बोले कि सीधे मुंह करके चले जाओ। पीछे मुड़कर देखा तो गोली मार देंगे। 2 घंटे तक पथरीले रास्ते पर चलते रहे। कड़ी धूप में भूख प्यास के मारे हाल बेहाल हो गया और बच्चे रोने बिलखने लगे थे। उनके पैरों में जख्म हो गए थे। पीने को पानी भी नहीं था। एक अन्य यात्री मोहम्मद अशरफ ने कहा कि बेहद डरावना मंजर था। ऐसा लगा जैसे कयामत आ गई हो। दहशत और डर का माहौल था। हमलावरों ने महिलाओं, बुजुर्ग यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन पुरुषों के हाथ बांध दिए थे। वे लगातार फायरिंग कर रहे थे।