Telegram के CEO फ्रांस में हुए गिरफ्तार, कोर्ट ने बढ़ाई हिरासत...जानिए क्या है वजह
punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2024 - 04:44 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: पावेल ड्यूरोव (Pavel Durov), जो टेलिग्राम के संस्थापक और CEO हैं, इन दिनों सुर्खियों में हैं। ड्यूरोव हाल ही में फ्रांस में गिरफ्तार किए गए हैं। फ्रांसीसी कोर्ट ने उनकी हिरासत 2 दिनों के लिए बढ़ा दी है। उन पर आरोप है कि उन्होंने टेलिग्राम के माध्यम से आपत्तिजनक सामग्री फैलाने में मदद की है।
पावेल ड्यूरोव का सफर
पावेल ड्यूरोव का जन्म 1984 में सोवियत संघ में हुआ था। वे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और डिजाइनिंग में रुचि रखते थे। 2006 में, ड्यूरोव ने Vkontakte (VK) नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की स्थापना की। 2013 में, यूक्रेन में रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों ने VK का उपयोग कियाऔर यूक्रेनी सरकार ने ड्यूरोव से यूजर डेटा मांगा। ड्यूरोव ने इससे इनकार कर दिया और उनके इस बयान ने काफी चर्चा बटोरी: "मैं किसी से आदेश नहीं लेना चाहता, मेरे जीवन का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता देना है।" इसके बाद ड्यूरोव को VK से हटा दिया गया और रूसी राष्ट्रपति के करीबी ने इसका नियंत्रण ले लिया।
ड्यूरोव ने VK से हटने के बाद टेलिग्राम की शुरुआत की, जो गोपनीयता के लिए जाना जाता है। 2015 में, टेलिग्राम की सुरक्षा को लेकर असहज स्थिति उत्पन्न हुई जब पता चला कि पेरिस आतंकी हमलों की योजना टेलिग्राम पर बनाई गई थी। इसके बाद, टेलिग्राम को सरकार को 'बैकडोर' से एक्सेस देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रूस में टेलिग्राम की स्थिति
2018 में रूस ने टेलिग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन 2 साल बाद यह प्रतिबंध हटा लिया गया। अब टेलिग्राम रूस में एक प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सरकार का आधिकारिक संचार साधन बन चुका है। कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि क्या रूस में टेलिग्राम को इतनी छूट दी जा सकती है, लेकिन ड्यूरोव ने इन आरोपों का खंडन किया है।
ड्यूरोव की विवादित निजी जिंदगी
पावेल ड्यूरोव के स्पर्म के लिए महिलाओं की लंबी कतार लगी रहती है। ड्यूरोव का दावा है कि वे 100 से अधिक बच्चों के जैविक पिता हैं। उन्होंने 15 साल पहले दोस्त की सलाह पर स्पर्म डोनेशन शुरू किया था और उनकी स्पर्म क्वालिटी को लेकर की गई जांच ने यह साबित किया कि उनकी स्पर्म अच्छी गुणवत्ता की है।
जूली वावीलोवा की चर्चा
हाल ही में, पावेल ड्यूरोव की गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ जूली वावीलोवा भी थीं। 24 वर्षीय जूली दुबई बेस्ड क्रिप्टो कोच हैं। एक थ्योरी के अनुसार, जूली ने ड्यूरोव को एक हनीट्रैप में फंसाकर फ्रांस ले जाया। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि जूली वावीलोवा पुलिस सर्विलांस पर थी और ड्यूरोव की गिरफ्तारी में उसकी भूमिका थी। इसके अलावा, कुछ सूत्रों का कहना है कि जूली इस्राइली खुफिया एजेंसी मोसाद की एजेंट हो सकती हैं। इन घटनाओं ने पावेल ड्यूरोव और उनकी गतिविधियों को लेकर एक नई चर्चा को जन्म दिया है और उनकी गिरफ्तारी की कहानी में कई परतें जुड़ती जा रही हैं।