LIVE: दुनिया के सामने अपनी छवि सुधारने में लगा तालिबान, किए बड़े-बड़े वादे
punjabkesari.in Wednesday, Aug 18, 2021 - 08:35 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान को तहस-नहस करने के बाद अब तालिबान अपनी छवि को दुनिया के सामने ठीक करने की कोशिश कर रहा है। यही कारण है कि महिला विरोधी तालिबान आज उनके हक की बात कर रहा है। अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसने महिलाओं से लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदायों की चिंताओं पर अपना पक्ष रखा है। जानिए दुनिया से तालिबान से क्या किए वादे।
- इस्लामी कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा
- अपना विरोध करने वालों को माफी देने तथा सुरक्षित अफगानिस्तान सुनिश्चित करने की घोषणा
- तालिबान किसी भी अंतरराष्ट्रीय दूतावास या संस्था को नहीं पहुंचाएगा नुकसान
- तालिबान के प्रवक्ता ने कहा- सरकार में शामिल होने के लिए महिलाओं को करेंगे प्रोत्साहित
- महिलाओं को इस्लामी कानून के तहत अधिकार प्रदान किए जाएंगे
- अफगानिस्तान किसी दूसरे देश को अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देगा
- तालिबान ने कहा कि वे अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं
- तालिबान चाहता है कि निजी मीडिया 'स्वतंत्र रहे'
- अफगानिस्तान में कोई किसी को किडनैप नहीं कर सकेगा ,कोई किसी की जान नहीं ले सकेगा
- तालिबान ने वादा किया कि उनके राज में देश की अर्थव्यवस्था और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने अपनी पहले संवाददाता सम्मेलन में अनेक अफगान लोगों और विदेशी नागरिकों की मुख्य चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि महिलाओं को इस्लामी कानून के तहत अधिकार प्रदान किए जाएंगे। तालिबान के पिछले शासन के दौरान महिलाओं के जीवन और अधिकारों पर कड़ी पाबंदियां देखी गई थीं। ऐसे में तालिबान प्रवक्ता के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है।
कई अफगानिस्तानियों को इस बात का डर है कि तालिबान के आने से देश में बर्बर शासन लौट आएगा, जैसा कि उसके पिछले शासन में देखा गया था। अफगान नागरिकों को इस बात का डर है कि तालिबान के आने से देश में बर्बर शासन लौट आएगा, जैसा कि उसके पिछले शासन में देखा गया था। वहीं, तालिबान जबकि यह कह रहा है कि वह अपने दुश्मनों को निशाना नहीं बनाएगा, ऐसी खबरें भी हैं कि लड़ाकों के पास उन लोगों की सूची है जिन्होंने सरकार का सहयोग किया और उन्हें वह ढूंढ रहे हैं। इस बीच, तालिबान के कब्जे के बाद जर्मनी ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली विकास सहायता रोक दी है।